(फाइल फोटो के साथ)
लखनऊ, 16 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि तृतीय लिंगी समुदाय के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार राज्यपाल की अध्यक्षता में तृतीय लिंगी समुदाय के सामाजिक उत्थान एवं आत्मनिर्भरता हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा तथा वित्तीय समावेशन से संबंधित विषयों पर एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई।
अपने संबोधन में पटेल ने कहा,“समाज के प्रत्येक वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में इस समुदाय के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की योजनाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया,“तृतीय लिंगी समुदाय के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए, ताकि उन्हें वास्तविक लाभ मिल सके।”
वित्तीय समावेशन की योजनाओं की जानकारी इस समुदाय तक पहुंचाने और उसे इनका लाभ दिलाने पर जोर देते हुए राज्यपाल ने समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया कि इस समुदाय से संवाद स्थापित कर उनकी प्राथमिक आवश्यकताओं को समझा जाए और योजनाओं को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया जाए।
पटेल ने सभी संबंधित विभागों को सामूहिक प्रयासों के माध्यम से तृतीय लिंगी समुदाय के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए ठोस और सतत कार्ययोजना बनाने पर जोर देते हुए निर्देश दिया कि इस समुदाय के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत योजना एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनका समुचित ‘डाक्यूमेंटेशन’ कराने तथा प्रदेश में तृतीय लिंगी समुदाय की जनगणना कराने का भी निर्देश दिया।
राज्यपाल ने कहा कि तृतीय लिंगियों के कल्याण हेतु 100 केंद्र स्थापित किए जाएं तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि एचआईवी संक्रमित तृतीय लिंगी का समय पर पहचान कर उन्हें समुचित उपचार की सुविधा दी जाए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि यदि इस समुदाय में कोई विशेष दक्षता या कौशल युक्त है, तो उन्हें प्रशिक्षण देकर विभिन्न संस्थानों में रोजगार से जोड़ा जाए।
उन्होंने उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार विभिन्न संस्थानों में रोजगार देने के लिए निर्देश दिया। इस कार्य में स्वयंसेवी संगठनों एवं समाज की सहायता लेने के भी निर्देश दिए गये।
भाषा आनन्द राजकुमार
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