अहमदाबाद, 16 जून (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने यहां एअर इंडिया विमान दुर्घटना की समानांतर जांच शुरू की है, जिसके तहत कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को दुर्घटना स्थल पर बुलाया गया है।
वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने पिछले सप्ताह भीषण दुर्घटना के कारणों की तह तक जाने के लिए विस्तृत जांच शुरू की थी।
लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787-8 (एआई 171) विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया और उसमें आग लग गई, जिससे विमान में सवार कुल 241 लोग और जमीन पर मौजूद 29 लोग मारे गए।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि चूंकि विमान अमेरिका में निर्मित है, इसलिए अमेरिकी एनटीएसबी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत समानांतर जांच कर रहा है।
एनटीएसबी अमेरिका की एक स्वतंत्र संघीय एजेंसी है, जिसका काम हर नागरिक विमानन दुर्घटना की जांच करना है। वे दुर्घटनाओं और घटनाओं के संभावित कारणों का पता लगाते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से जांच करते हैं और सुरक्षा संबंधी सिफारिशें जारी करते हैं।
पिछले दो दिनों से कई विदेशी विशेषज्ञ दुर्घटना स्थल पर सुराग खोजने के लिए मलबे की जांच करते देखे गए।
ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ ने दुर्घटना स्थल के बारे में पूछे जाने पर ज्यादा जानकारी दिए बिना संवाददाताओं से कहा, “हमने वही देखा, जो आप लोग देख सकते हैं…यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा आप यहां से देख सकते हैं…।”
सूत्रों के अनुसार, बोइंग और एअर इंडिया की टीम भी जांच में एजेंसियों की सहायता कर रही हैं।
एअर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गया है।
इससे पहले, एएआईबी ने कहा था कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का केवल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) ही बरामद किया जा सका है।
अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा को सीवीआर बरामद होने की पुष्टि की, जिन्होंने रविवार को दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया और सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात की।
विज्ञप्ति में कहा गया, “अधिकारियों ने डॉ. मिश्रा को बताया कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) का पता लगा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित कर लिया गया है।”
एफडीआर और सीवीआर दोनों की बरामदगी से जांचकर्ताओं के लिए दुर्घटना के कारण का पता लगाना आसान हो जाएगा।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और गुजरात पुलिस के अधिकारी जांच में एएआईबी की सहायता कर रहे हैं।
भाषा प्रशांत दिलीप
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