मुंबई, 16 जून (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट यूजी) 2025 के अभ्यर्थियों और उनके परिवारों को भ्रमित करने के आरोप में गिरफ्तार किये गए दो व्यक्तियों को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इन दोनों ने दावा किया था कि वे अंकों में हेरफेर कर सकते हैं और उन्होंने प्रति उम्मीदवार 90 लाख रुपये की राशि तय कर रखी थी।
आरोपी संदीप शाह और सलीम पटेल ने बाद में जमानत याचिका दायर कर दावा किया था कि उन्हें मामले में फंसाया गया है।
दस जून को गिरफ्तार किये गए शाह और पटेल को विशेष सीबीआई न्यायाधीश वी पी देसाई के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
उनकी याचिका में कहा गया था कि पूरी कहानी मनगढ़ंत है और अंततः यह मामला भारतीय न्याय संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत नहीं आता है।
अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी।
मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए पैसों की मांग करने और स्वीकार करने का आरोप है।
सोलापुर और नवी मुंबई के निवासी क्रमश: शाह और पटेल ने बिचौलियों के रूप में अभ्यर्थियों को धोखा दिया।
जांच एजेंसी ने बताया कि आरोपियों ने प्रति अभ्यर्थी 90 लाख रुपये की मांग की थी, जिसे बाद में घटा कर 87.5 लाख रुपये कर दिया गया था।
भाषा सुभाष माधव
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