गोलपाड़ा (असम), 16 जून (भाषा) असम सरकार ने सोमवार को गोलपाड़ा और बोंगाईगांव जिलों में 693 परिवारों के कथित अतिक्रमण को हटाने के लिए अभियान शुरू किया, जिनमें से अधिकतर प्रवासी बंगाली भाषी मुस्लिम समुदाय से हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार गोलपाड़ा जिले के हसिलाबील गांव में 667 परिवारों के कथित अतिक्रमण को हटाया गया, जबकि बोंगाईगांव जिले के भंडारा से 29 परिवारों द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाया गया।
गोलपाड़ा में अभियान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे शुरू हुआ।
गोलपाड़ा के उपायुक्त खानिंद्र चौधरी ने कहा,’अतिक्रमणकारियों की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं हुआ और दिन में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।’
एक अधिकारी ने बताया कि बारिश के कारण अपराह्न तीन बजे के आसपास अभियान रोक दिया गया था। मंगलवार सुबह आठ बजे अभियान फिर से शुरू होने की संभावना है।
उन्होंने बताया, ‘लगभग 60 प्रतिशत अतिक्रमित क्षेत्र से अतिक्रमण हटा दिया गया है।’
यह अभियान बलिजाना राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत हसिलाबील में 1,555 बीघा में से 45 प्रतिशत से अधिक भूमि पर चलाया गया। शेष भूमि में एक जल निकाय शामिल है।
गांव में पांच प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनके भवनों को गिराया जाना है। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए करीब 20 बुलडोजर और अन्य मशीनें लगाई गई।
चौधरी ने कहा कि निवासियों को 2023 और 2024 में नोटिस दिए गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने शुक्रवार को फिर उन्हें नोटिस दिया और सोमवार सुबह तक घर खाली करने को कहा। इसी संदेश के साथ विभिन्न स्थानों पर तख्तियां और पोस्टर भी लगाए गए थे।’’
चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत महंत के साथ सुबह से ही गांव में डेरा डाले हुए थे, जबकि पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अखिलेश कुमार सिंह स्थिति की समीक्षा करने के लिए बाद में पहुंचे।
कई निवासी अपना सामान लेकर गांव से चले गए, लेकिन जो लोग गांव में रह गए, उन्होंने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि उनका पुनर्वास किया जाए।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘मैं यहां पैदा हुआ था, और मेरे पिता भी यहीं जन्मे थे। जब जोगीघोपा पुल का निर्माण किया जा रहा था, तब मेरे दादाजी यहां आकर बस गए थे। हम अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और उनसे अनुरोध किया है कि वे हमें रहने के लिए एक वैकल्पिक स्थान प्रदान करें।’’
एक अधिकारी ने बताया कि बोंगाईगांव में पिछले सप्ताह अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिए जाने के बाद भंडारा क्षेत्र में अभियान चलाया गया।
उन्होंने बताया कि इन परिवारों ने मंदिर-सत्र की 349 बीघा जमीन पर अतिक्रमण कर अपने घर बना लिए थे।
अधिकारी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली है, क्योंकि परिवार अपना सामान लेकर यहां से चले गए हैं तथा मकानों को गिराने का काम दिन में ही पूरा कर लिया गया।
भाषा योगेश माधव
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