हैदराबाद, 16 जून (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव फॉर्मूला ई-रेस मामले में जारी जांच के तहत सोमवार को तेलंगाना सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के समक्ष पेश हुए।
रामा राव ने एसीबी के समक्ष पेश होने से पहले यहां बीआरएस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में अपने खिलाफ जांच को ‘राजनीतिक उत्पीड़न’ बताया। उन्होंने साथ ही कांग्रेस सरकार पर चुनावी वादों को पूरा करने में ‘विफलता’ से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
राव ने कहा, ‘‘हो सकता है कि वे मुझे गिरफ्तार कर लें, लेकिन एक बात पक्की है। हम तेलंगाना (राज्य का दर्जा) की खातिर पहले भी जेल जा चुके हैं। हैदराबाद की ब्रांड छवि को बढ़ावा देने के लिए किए गए एक फैसले को लेकर हम फिर से जेल जाने को तैयार हैं। 100 बार भी जेल जाने को तैयार हैं। लेकिन, हम कांग्रेस सरकार को (उसके चुनावी वादों को लेकर) नहीं छोड़ेंगे।’’
उन्होंने कहा कि अंत में सत्य की जीत होगी।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष रामा राव राज्य की पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के दौरान नगर प्रशासन मंत्री थे। उनसे इस साल जनवरी में एसीबी ने फॉर्मूला ई-रेस मामले में पूछताछ की थी।
एसीबी ने पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के दौरान फरवरी 2023 में हैदराबाद में फॉर्मूला ई-रेस आयोजित करने के लिए कथित भुगतान को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप हैं कि अधिकांश भुगतान बिना मंजूरी के विदेशी मुद्रा में थे।
यह दौड़ फरवरी 2024 में भी आयोजित होनी थी, लेकिन दिसंबर 2023 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
बीआरएस नेता ने दावा किया कि यह दौड़ और भुगतान हैदराबाद की ब्रांड छवि को बढ़ावा देने के लिए बीआरएस सरकार के प्रयासों का हिस्सा थे।
एसीबी अधिकारियों द्वारा कई घंटे की पूछताछ के बाद रामा राव ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी विधानसभा में फार्मूला ई-रेस मामले पर चर्चा कराने से भाग गए।
उन्होंने फॉर्मूला ई-रेस में भ्रष्टाचार की बात से इनकार करते हुए कहा कि लगातार दूसरे साल रेस आयोजित करना नीतिगत फैसला था। उन्होंने कहा, ‘फॉर्मूला ई-रेस को लगातार दूसरे साल आयोजित करना नीतिगत फैसला था। और हमने इसके लिए भुगतान किए हैं। इसमें एक भी पैसे का भ्रष्टाचार नहीं था।’
उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वे उनके खिलाफ कितने भी मामले दर्ज कर लें, लेकिन वे पीछे नहीं हटेंगे।
भाषा अमित दिलीप
दिलीप