नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) मतदान के दिनों में मतदान प्रक्रिया की निगरानी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर शत प्रतिशत वेबकास्टिंग करने का निर्णय सोमवार को लिया, जो वर्तमान में 50 प्रतिशत है।
वेबकास्टिंग इंटरनेट पर किसी कार्यक्रम या प्रस्तुति का सीधा प्रसारण है।
वेबकास्टिंग चुनाव प्राधिकरण के आंतरिक उपयोग के लिए होगी।
बिहार में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और यह पहला राज्य होगा जहां 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग लागू की जाएगी।
सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे पत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा कि इंटरनेट संपर्कता वाले क्षेत्रों में वेबकास्टिंग की जाएगी।
जिन जगहों पर हालांकि इंटरनेट सुविधा नहीं है उन क्षेत्रों में वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी आदि की उपयुक्त वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है।
अब तक 50 प्रतिशत मतदान केन्द्रों तथा “महत्वपूर्ण मतदान केन्द्रों” पर वेबकास्टिंग की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदान प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
पिछले वर्ष दिसंबर में सरकार ने चुनाव नियमों में बदलाव करते हुए कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों जैसे सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज तथा उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग के सार्वजनिक निरीक्षण पर रोक लगा दी थी, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके।
निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय विधि मंत्रालय ने चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93 में संशोधन किया, ताकि सार्वजनिक निरीक्षण के लिए उपलब्ध कागजात या दस्तावेजों के प्रकार को प्रतिबंधित किया जा सके।
पत्र में कहा गया, “राज्य स्तर, जिला स्तर और विधानसभा क्षेत्र स्तर पर भी वेबकास्टिंग निगरानी नियंत्रण कक्ष होगा, जिसकी देखरेख और निगरानी प्रत्येक स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा की जाएगी।”
आयोग ने रेखांकित किया कि मतदान दिवस की गतिविधियों की निगरानी करते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी मतदान केंद्रों को “दिन में कई बार पर्याप्त समय के लिए लाइव देखा जाए ताकि कार्यवाही का बारीकी से निरीक्षण किया जा सके।”
निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा कि इसके लिए नियंत्रण कक्षों में पर्याप्त कर्मचारी तैनात किए जाने चाहिए।
भाषा प्रशांत रंजन
रंजन