भोपाल, 17 जून (भाषा) मध्यप्रदेश के रीवा संभाग में पिछले एक साल के भीतर स्कूल शिक्षा विभाग में कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर अनुकंपा नियुक्ति हासिल करने वाले पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उनके मुताबिक जिन आरोपियों ने फर्जी तरीके से अनुकंपा नियुक्ति हासिल की है, उनके मां-बाप या तो जिंदा हैं या फिर उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग में कभी नौकरी ही नहीं की।
यह खुलासा उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इतना ही नहीं, रीवा संभाग के आयुक्त ने इस प्रकरण के सामने आने के बाद पिछले तीन सालों में हुई सभी अनुकंपा नियुक्तियों की जांच के वास्ते हर जिले के लिए एक-एक टीम गठित कर दी है।
यह टीम संभाग के रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली में पिछले सालों में हुई सभी अनुकंपा नियुक्तियों की जांच करेगी और 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
रीवा संभाग के आयुक्त बाबू सिंह जामोद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हर जांच दल का नेतृत्व अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के हाथों में होगा तथा इसमें पुलिस और स्कूल शिक्षा विभाग के एक-एक अधिकारी भी शामिल होंगे।
इस मामले को लेकर जिलाधिकारी एवं जिला दंडाधिकारी प्रतिभा पॉल ने बताया कि इसमें सबसे पहले एक प्रकरण सामने आया था, जिसमें नियुक्ति के बाद भी वह उपस्थित नहीं हो रहा था।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच में पाया गया कि चार-पांच नियुक्तियां और हुई हैं, जो संदिग्ध लग रही थीं। जब उनकी जांच कराई गई तो पता चला की इनके द्वारा गलत तरीके के दस्तावेज लगाकर ये अनुकंपा नियुक्तियां हासिल की गई हैं।’’
पॉल ने बताया कि इसके बाद इस मामले से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के पास प्रस्ताव भेजा गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक हीरामणि रावत, ओम प्रकाश कोल, सुषमा कोल, विनय कुमार रावत और उषा देवी ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अनुकंपा नौकरी हासिल किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जांच में कई अन्य अनियमितताएं भी सामने आई हैं।
भाषा सं ब्रजेन्द्र राजकुमार
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