नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोमवार को जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के नेता संजय कुमार झा की बेटियों को उच्चतम न्यायालय में सरकारी वकील नियुक्त किये जाने का जिक्र करते हुए उनकी (संजय) आलोचना की और आरोप लगाया कि यह भाई-भतीजावाद है और दलितों तथा पिछड़ों के अधिकारों को छीनने के बराबर है।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, राजद ने आरोप लगाया कि संजय झा की बेटियाँ, जिनके पास कोई विशेष योग्यता नहीं है, उन्हें एक ही दिन उच्चतम न्यायालय में विशेष वकील के रूप में नियुक्त किया गया है। पार्टी ने कहा कि यह दलितों और अत्यंत पिछड़ी जातियों को इस तरह की नियुक्तियों से वंचित करने के समान है।
राजद ने पूछा, ‘‘जद(यू) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा जी की दोनों बेटियों को एक ही दिन उच्चतम न्यायालय में ‘ग्रुप-ए पैनल का अधिवक्ता’ बनाया गया, जबकि उनके पास कोई विशेष कार्य अनुभव भी नहीं है। जद(यू) के कितने दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के नेताओं, सांसदों, मंत्रियों या कार्यकर्ताओं के बेटे-बेटियों को बिना किसी अनुभव के एक ही दिन में यह उपलब्धि हासिल करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है? लेकिन क्या इसी वजह से पिछड़े, अति पिछड़े और दलित वंचित हैं?’’
राजद ने पोस्ट में कहा, ‘‘यह इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे कुछ लोग दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों की योग्यता, प्रतिभा, अधिकार और विशेषाधिकारों को छीनकर बेशर्मी से श्रेष्ठ और मेधावी होने का दिखावा करते हैं।’’
राजद प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने दावा किया कि भाजपा नीत राजग नेताओं के रिश्तेदार सत्ता में रहने से लाभान्वित हो रहे हैं। इन आरोपों पर जद(यू) नेता और राज्यसभा के सदस्य संजय कुमार झा की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भाषा संतोष दिलीप
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