नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि 2027 की जनगणना में जातिगत गणना भी शामिल की जाएगी और कहा कि कुछ भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं कि गजट अधिसूचना में जाति गणना का कोई उल्लेख नहीं है।
यह बयान तब आया जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सोमवार को जारी राजपत्र अधिसूचना में इस प्रक्रिया में जाति को शामिल करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है और पूछा कि क्या यह सरकार का एक और ‘यू-टर्न’ है।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “जनगणना कराने की अधिसूचना आज सरकारी गजट में प्रकाशित कर दी गई है। जनगणना में जातिगत गणना भी शामिल होगी।”
प्रवक्ता ने कहा, ‘हालांकि, कुछ भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं कि अधिसूचना में जातिगत गणना का कोई उल्लेख नहीं है। 30 अप्रैल, चार जून और 15 जून, 2025 की प्रेस विज्ञप्तियों में पहले ही उल्लेख किया जा चुका है कि जनगणना में जातिगत गणना भी होगी।’
कांग्रेस ने यह भी कहा कि 16वीं जनगणना में तेलंगाना मॉडल अपनाते हुए, केवल जातियों की गिनती ही नहीं बल्कि जातिवार सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी जुटाई जानी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लंबे इंतजार के बाद बहुप्रचारित 16वीं जनगणना की अधिसूचना आखिरकार जारी हो गई है। लेकिन यह एकदम ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’ जैसी है क्योंकि इसमें 30 अप्रैल 2025 को पहले से घोषित बातों को ही दोहराया गया है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह फिर वही यू-टर्न है, जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी अपनी पहचान बना चुके हैं? या फिर आगे इसके विवरण सामने आयेंगे?’’
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नोमान प्रशांत
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