जयपुर, 16 जून (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकार की स्मार्टफोन योजना को वंचित वर्ग को डिजिटल रूप से सशक्त करने वाली योजना बताते हुए इसे पुन: शुरू करने की वकालत की है।
गहलोत ने सोमवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा – स्नातक’ (नीट-यूजी) 2025 में उत्तीर्ण हुए एक छात्र से वीडियो कॉल से बातचीत का वीडियो साझा करते हुए यह बात कही।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन योजना और श्रवण की मेहनत से बदली तकदीर। हमारी कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के सभी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन देने के लिए योजना चलाई। करीब 40 लाख महिलाओं तक स्मार्टफोन पहुंचे। इस योजना की विपक्ष ने आलोचना की। लेकिन बाड़मेर के श्रवण कुमार जैसे बालक उदाहरण है कि यह योजना कितनी महत्वपूर्ण थी।’’
गहलोत के अनुसार, बालोतरा उपखंड के श्रवण ने नीट परीक्षा में 700 में से 556 अंक प्राप्त किए हैं। श्रवण की पारिवारिक आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। वह एनजीओ ‘फिफ्टी विलेजर्स’ की मदद से पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा, ‘‘श्रवण की माताजी को इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन योजना से स्मार्ट फोन मिला जिस पर वह ऑनलाइन क्लास लेकर पढ़ाई करते थे। इससे श्रवण की तैयारी और बेहतर हो सकी एवं उन्होंने सफलता अर्जित की। मैं श्रवण को शुभकामनाएं देता हूं कि उनका डॉक्टर बनने का सपना पूरा हो एवं वह जनसेवा में योगदान दें।’’
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, ‘‘यह योजना इसी तरह वंचित वर्ग को डिजिटल सशक्त (डिजिटली एम्पॉवर) करने वाली थी जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने बंद कर दिया। आशा है कि भाजपा सरकार ऐसे उदाहरण देखकर इस योजना को जल्द पुनः शुरू करेगी।’’
भाषा पृथ्वी सुरभि
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