गुवाहाटी, 16 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई को समुदाय का ‘अपमान’ करने से पहले यह सबूत पेश करना चाहिए कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं के पीछे हिंदू थे।
उत्तर लखीमपुर में संवाददाताओं से बात करते हुए शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई यह कल्पना करता है और दावा करता है कि एक हिंदू व्यक्ति गाय का सिर मंदिर में रख सकता है, तो उसकी पूरी सोच बहुत संकीर्ण और मलिन होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर उनके (गोगोई) पास कोई सबूत है, तो मैं उनसे हिंदू समाज का अपमान करने से पहले उसे सरकार को सौंपने की अपील करता हूं।’’
हाल के तनावों पर टिप्पणी करते हुए गोगोई ने रविवार को आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लोगों के बीच सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की कोशिश कर रहा है।
शर्मा ने कहा कि धुबरी और गोलपाड़ा जिलों में दो मंदिरों में संदिग्ध गोमांस फेंकने में कोई हिंदू शामिल नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकांश सदस्य ऐसे कृत्यों का समर्थन नहीं करते हैं और उन्होंने उनकी आलोचना की है।
उन्होंने कहा, ‘‘लखीपुर (गोलपाड़ा) और धुबरी में इस घटना के लिए गिरफ्तार किए गए सभी लोग अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। हमें किसी भी हिंदू व्यक्ति की संलिप्तता नहीं मिली है।’’
शर्मा ने गुवाहाटी और होजई जैसे अन्य स्थानों पर इसी तरह की घटनाओं के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों का विवरण नहीं दिया।
उन्होंने आठ जून को कहा था कि ईद के दौरान कई जगहों पर कथित तौर पर अवैध रूप से मवेशियों का वध किया गया था और मांस के कुछ हिस्से पूजा स्थलों पर फेंके गए थे।
पुलिस ने अब तक धुबरी में 50 और गोलपाड़ा में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश