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Tuesday, June 17, 2025

सत्ता की मदहोशी से बचें भाजपा नेता और कार्यकर्ता, मंत्री की कुर्सी ‘सेवा की चौकी’ : राजनाथ

Newsसत्ता की मदहोशी से बचें भाजपा नेता और कार्यकर्ता, मंत्री की कुर्सी ‘सेवा की चौकी’ : राजनाथ

नर्मदापुरम (मप्र), 16 जून (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्यप्रदेश इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ‘सत्ता की मदहोशी’ से बचने की नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे मूल रूप से जनसेवक हैं और मंत्री की कुर्सी ‘सेवा की चौकी’ है।

सिंह मध्यप्रदेश के दर्शनीय पर्यटन स्थल पचमढ़ी में आयोजित भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को इस आयोजन का उद्घाटन किया था।

बैठक की जानकारी देने पहुंचे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से जब यह पूछा गया कि क्या राजनाथ सिंह ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को ‘सत्ता की मदहोशी’ से बचने की सलाह देते हुए यह कहा है कि मंत्री की कुर्सी ‘सेवा की चौकी’ है।

इसके जवाब में शर्मा ने कहा, ‘‘आपने बिल्कुल ठीक कहा है। यही भाजपा की विशेषता है। भाजपा लगातार कैसे आगे बढ़ रही है, उसके पीछे इसकी बड़ी भूमिका है। सत्ता में आने के बाद भी हम एक कार्यकर्ता की भूमिका में रहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह जी ने कहा कि वह आज भी वही कार्यकर्ता हैं। यही हमें आगे बढ़ाता है और कार्य करने की प्रेरणा देता है।’’

शर्मा ने कहा कि इन मुद्दों पर भाजपा की एक विशिष्ट कार्यपद्धति है, इसलिए भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है।

राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है, भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में राज्य सरकार के मंत्री विजय शाह सहित कुछ अन्य नेताओं ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

कर्नल सोफिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारत के पक्ष को मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने रखने वाली टीम का हिस्सा थीं।

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने विचार और मूल्यों की राजनीति पर जोर दिया और कहा कि आज भी भाजपा का कार्यकर्ता चुनाव हार सकता है, लेकिन विचार से नहीं हटता।

उन्होंने कहा कि यही वजह है कि भाजपा एक साधारण दल नहीं है।

पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक सिंह ने कहा, ‘‘जो लोग किसी विभाग के मंत्री हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि वे विभाग प्रमुख नहीं, बल्कि जनसेवक हैं। मंत्री की कुर्सी सेवा की चौकी है। नीतियों में समरसता दिखाई देना चाहिए, तुष्टिकरण नहीं।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे लिए सारी दुनिया एक परिवार है, ऐसे में जाति-पंथ के आधार पर भेदभाव कैसे हो सकता है? याद रखे विचारधारा के बिना सत्ता दिशाहीन हो जाती है। हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि हमारा जन्म सत्ता के गलियारों में नहीं, बल्कि संघर्षों की आंच में हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास और पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्पण ही भाजपा की असली ताकत है और प्रशिक्षण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीबों के कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता अटूट रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि लोगों की सेवा करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया, यही वजह है कि भाजपा को वैश्विक मान्यता मिली है। हम जनता के सेवक हैं, शासक नहीं। कार्यकर्ताओं का सम्मान करें और उनकी बात सुनें। वे हमारी ताकत की नींव हैं।’’

सिंह ने कहा कि पार्टी के प्रशिक्षण की परंपरा इसके कामकाज का एक दीर्घकालिक और अभिन्न पहलू है, यह केवल विचारधारा की पुनरावृत्ति नहीं है, बल्कि ‘‘वर्तमान चुनौतियों के लिए हमारे सिद्धांतों’ को आत्मसात करने का एक मंच है।

सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि सत्ता का एकमात्र उद्देश्य राष्ट्र सेवा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय ने इस वैचारिक यात्रा की शुरुआत की थी, जो आज भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जारी है। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, फिर भी हमारे मूल सिद्धांत बरकरार हैं।’’

मुखर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद से 1951 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जबकि दीनदयाल उपाध्याय 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता थे।

सिंह ने कहा, ‘‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हमें एकात्म मानववाद का दर्शन दिया, अटल बिहारी वाजपेयी ने हमें संयम सिखाया और कुशाभाऊ ठाकरे के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हमारी परंपरा हमेशा से ‘राष्ट्र प्रथम’ रही है। दीनदयाल जी चुनाव हार गए लेकिन अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। कभी भी ऐसे वादे न करें जिन्हें आप पूरा नहीं कर सकते और अपनी विचारधारा को कभी न छोड़ें।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा प्रतिनिधियों को जिम्मेदार और मूल्य-संचालित शासन के लिए प्रयास करना चाहिए क्योंकि इसका उद्देश्य केवल कानून बनाना नहीं है बल्कि लोगों के जीवन को बदलना है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि चरित्र निर्माण और मूल्यों की शिक्षा राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक है, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि देश के सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर में अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन किया।

मध्य प्रदेश के लिए पार्टी प्रभारी महेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा का विकास कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा राष्ट्र-निर्माण में निहित है, न कि चुनावी रणनीतियों में।

भाषा सं ब्रजेन्द्र सुरभि

सुरभि

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