मुंबई, 17 जून (भाषा) बाजार नियामक सेबी का निदेशक मंडल बुधवार को अपनी आगामी बैठक के दौरान कई नियामक सुधारों पर चर्चा कर सकता है।
इनमें से कई प्रस्ताव पहले ही सार्वजनिक परामर्श के लिए लाए जा चुके हैं, जो नियामक परिदृश्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक व्यापक कदम का संकेत देते हैं।
यह तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में निदेशक मंडल (बोर्ड) की दूसरी बोर्ड बैठक होगी। पांडेय ने एक मार्च को पदभार ग्रहण किया था।
मुख्य एजेंडे में एक स्वैच्छिक ‘रिटेंशन’ मार्ग (वीआरआर) और पूरी तरह से सुलभ मार्ग (एफएआर) के जरिये भारतीय सरकारी बॉन्ड (आईजीबी) में निवेश करने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए नियमों और नियामक अनुपालन का सरलीकरण करना शामिल है।
मामले से परिचित लोगों ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भारतीय बाजार में अधिक दीर्घकालिक बॉन्ड निवेशकों को आकर्षित करना है।
वीआरआर और एफएआर मार्ग तुलनात्मक रूप से उदार हैं, क्योंकि वे कई प्रतिबंधों के बिना निवेश की अनुमति देते हैं। इसे अधिक सुव्यवस्थित करने के लिए सेबी ने एक नई एफपीआई श्रेणी, आईजीबी-एफपीआई बनाने का प्रस्ताव दिया है।
इसके तहत, नियामक ने इन संस्थाओं के लिए पंजीकरण और अन्य अनुपालन आवश्यकताओं को आसान बनाने की सिफारिश की है।
भाषा पाण्डेय रमण
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