29.2 C
Jaipur
Tuesday, June 17, 2025

मेहुल चोकसी ने ‘अपहरण और यातना’ को लेकर भारत सरकार पर लंदन में किया मुकदमा

Fast Newsमेहुल चोकसी ने ‘अपहरण और यातना’ को लेकर भारत सरकार पर लंदन में किया मुकदमा

(अदिति खन्ना)

लंदन, 17 जून (भाषा) पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित व्यवसायी मेहुल चोकसी ने लंदन के उच्च न्यायालय में भारत सरकार और पांच व्यक्तियों पर अपने कथित ‘‘अपहरण, यातना और प्रत्यर्पण के प्रयास’’ के लिए षड्यंत्रकारी के रूप में मुकदमा दायर किया है।

भारतीय प्राधिकारियों ने आरोपों से इनकार किया है और ‘राज्य प्रतिरक्षा’ (स्टेट इम्यूनिटी) के आधार पर ब्रिटेन के क्षेत्राधिकार पर आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने भारतीय कानून और भारतीय संविधान से संबंधित विशेषज्ञ साक्ष्यों को ध्यान में रखने की अनुमति भी मांगी है।

राज्य प्रतिरक्षा अंतरराष्ट्रीय कानून का सिद्धांत है, जिसके अनुसार एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र को दूसरे देश की अदालत में न्यायिक कार्यवाही से छूट प्राप्त होती है।

सोमवार को न्यायमूर्ति फ्रीडमैन के समक्ष मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान, अदालत को बताया गया कि चोकसी का दावा है कि मई 2021 में ‘‘भारत सरकार के निर्देश पर’’ अपहरण की कोशिश के तहत उसे प्रताड़ित किया गया था।

भारतीय पक्ष ने इस सप्ताह अदालत को बताया कि चोकसी ने ‘‘भारत के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप लगाये हैं, जिसमें कहा गया है कि भारत ने उसका अपहरण करने और नुकसान पहुंचाने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची थी।’’

वकील हरीश साल्वे ने भारतीय अधिकारियों की ओर से दलील दी, ‘‘भारत का पक्ष यह है कि वर्तमान दावा मुख्य रूप से इस मंशा से आगे बढ़ाया जा रहा है कि भारत को शर्मिंदा किया जाए और प्रतिवादी द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्यर्पण से बचने के प्रयासों के तहत दबाव बढ़ाया जा सके।’’

वकील एडवर्ड फिट्जगेराल्ड के नेतृत्व में चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया कि एंटीगुआ में उस पर हमला करने में पांच व्यक्तियों के बीच मिलीभगत थी, ताकि उसे जबरन भारत को सौंपने के उद्देश्य से कैरेबियाई देश डोमिनिका ले जाया जा सके।

चोकसी की दलील में कहा गया, ‘‘प्रतिवादियों ने एक गैरकानूनी षड्यंत्र रचा, जिसके तहत प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ता पर हमला, मारपीट, गलत कारावास, गैरकानूनी हिरासत और आवाजाही पर गैरकानूनी प्रतिबंध के माध्यम से हानिकारक कार्य करने पर सहमति व्यक्त की और फिर ऐसा किया।’’

चोकसी बेल्जियम में हिरासत में है, और भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। चोकसी का भांजा नीरव मोदी भी भारत में वांछित है। वह लंदन में सलाखों के पीछे है। नीरव मोदी भी ब्रिटेन की अदालतों से कई बार जमानत की गुहार लगा चुका है, लेकिन उसे राहत नहीं मिली है।

भारत में नीरव मोदी के खिलाफ तीन तरह की आपराधिक कार्यवाही चल रही है। पीएनबी के साथ धोखाधड़ी का केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का मामला, उस धोखाधड़ी की आय के कथित शोधन से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का मामला और सीबीआई की कार्यवाही में साक्ष्य और गवाहों को प्रभावित करने से संबंधित आपराधिक कार्यवाही का तीसरा मामला है।

अप्रैल 2021 में, ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला स्थापित होने के बाद भारतीय अदालतों में इन आरोपों का सामना करने के लिए उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। लेकिन, लंदन में हाल में हुई अदालती सुनवाई में उसके प्रत्यर्पण में एक ‘अवरोध’ का संकेत मिला है। माना जा रहा है कि उसने शरण के लिए आवेदन किया है।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles