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Tuesday, June 17, 2025

“पिता की मानसिक सेहत: बच्चे के विकास पर गहरा असर, समय रहते मदद जरूरी”

Fast News"पिता की मानसिक सेहत: बच्चे के विकास पर गहरा असर, समय रहते मदद जरूरी"

( डेलीस हचिंसन, एसोसिएट प्रोफेसर, डीकिन विश्वविद्यालय; जेनेवीव ले बास, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और रिसर्च फेलो, डीकिन विश्वविद्यालय; जैकी मैकडोनाल्ड, मनोविज्ञान में एसोसिएट प्रोफेसर, डीकिन विश्वविद्यालय; सामंथा टीग, मनोविज्ञान में वरिष्ठ रिसर्च फेलो, जेम्स कुक विश्वविद्यालय; और स्टेफनी आर्समैन, रिसर्च फेलो, डीकिन विश्वविद्यालय)

मेलबर्न, 17 जून (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलिया में, अनुमानतः 10 में से एक पुरुष अपने बच्चे के जन्म से पहले और बाद में चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव करता है।

भावनात्मक उतार-चढ़ाव और थकान के साथ-साथ, नए पिताओं को अधिक व्यावहारिक मांगों का भी सामना करना पड़ सकता है, जैसे-बच्चे की देखभाल करना, अपने जीवनसाथी की मदद करना तथा वित्तीय सहायता प्रदान करना।

ऐसे में यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पिता बनने से मनोवैज्ञानिक तनाव बढ़ सकता है। लेकिन यह चिंताजनक है क्योंकि कई पुरुष इसके लिए मदद नहीं लेते हैं। इस बात के भी सबूत हैं कि पिता की मानसिक स्थिति उसके बच्चे को अल्पावधि और दीर्घावधि में प्रभावित कर सकती है।

हमारी नई समीक्षा में पहली बार पिता के मानसिक स्वास्थ्य और बच्चों के विकास के बीच संबंध के बारे में अंतरराष्ट्रीय साक्ष्यों को एक साथ लाया गया है।

हमने पाया कि जन्म से पहले और बाद में पिताओं के मनोवैज्ञानिक तनाव और बच्चों के सामाजिक, भावनात्मक, संज्ञानात्मक, भाषाई और शारीरिक विकास में जन्म से लेकर किशोरावस्था के शुरुआती स्तर तक खराब परिणामों के बीच लगातार संबंध है।

अच्छी बात यह है कि शुरुआत में ही असरदार तरीके अपनाए जा सकते हैं।

सहायता पाने में बाधाएं

ऐसी कई जटिल वजह हैं जिनके चलते नए-नए पिता बने व्यक्ति मानसिक तनाव के लिए सहायता नहीं ले पाते।

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई और अंतरराष्ट्रीय शोध की 2024 की समीक्षा में पाया गया कि पिताओं से बच्चे के जन्म से पहले या बाद में स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में उनकी भलाई के बारे में नहीं पूछा जाता है। यह ऐसा वक्त होता है जब अक्सर सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।

पुरुषों को भी ऐसा महसूस हो सकता है कि परिवार की देखभाल करने के लिए उन्हें मजबूत होने और कठिन भावनाओं से ऊपर उठने की जरूरत है।

वे अपनी मुश्किलों को नहीं मानते हैं, तथा इसके बजाय अत्यधिक काम करने, या शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने जैसी रणनीतियों के माध्यम से समस्या से बचते हैं।

कार्य के घंटों के कारण भी सेवाओं तक पहुंच कठिन हो सकती है।

इस कारण पुरुषों को मानसिक तनाव पहचानना मुश्किल हो सकता है, और न ही उनके आसपास के लोग या स्वास्थ्य सेवा प्रणाली इसे आसानी से पहचान पाते हैं।

बच्‍चों के विकास में बाधा डालने वाले शुरुआती जोखिम कारकों पर होने वाला शोध माताओं के स्वास्थ्य और जीवनशैली पर पिताओं की तुलना में लगभग 17 गुना अधिक ध्यान देता है।

इसकी वजह समझ आती है, क्योंकि मातृत्व की ओर बढ़ने वाली हर पांच में से एक महिला को प्रसवकालीन चिंता या अवसाद का अनुभव होता है।

इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि माताओं के मानसिक तनाव का संबंध बच्चों के खराब परिणामों से है। उदाहरण के लिए, प्रसवपूर्व चिंता या अवसाद का सामना करने वाली माताएं अपने आप को अलग-थलग महसूस कर सकती हैं और उन्हें अपने बच्चे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने में कठिनाई हो सकती है। इसका संबंध बच्चों के सामाजिक और भावनात्मक कौशल के विकास में देरी से हो सकता है।

पिताओं पर इस प्रकार के शोध का अभाव रहा है।

यह असंतुलन स्वास्थ्य नीति और नैदानिक प्रैक्टिस को प्रभावित करता है, जिससे कई पिता पारिवारिक स्वास्थ्य देखभाल से वंचित महसूस करते हैं। उनके बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव को भी ठीक से नहीं समझा गया है।

हमारे नए शोध का उद्देश्य यह समझना था कि जन्म से पहले और बाद में पुरुषों का मानसिक स्वास्थ्य, जन्म से लेकर किशोरावस्था तक उनके बच्चे के विकास से किस प्रकार संबंधित है।

हमने 84 अध्ययनों के निष्कर्षों का अध्ययन किया, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के लोगों पर दीर्घ अवधि तक नजर रखी गई थी।

हमारे अध्ययन के तीन मुख्य निष्कर्ष थे

पहली बात, गर्भावस्था के दौरान और जन्म के बाद पिताओं में मानसिक तनाव का संबंध उनके बच्चों के खराब विकास से जुड़ा पाया गया।

दूसरी बात, यह देखा गया कि पिता के मानसिक तनाव और बच्चे के विकास के बीच संबंध बच्चे के जन्म से लेकर 13 साल की उम्र तक दिखाई देते हैं। इसका मतलब है कि अगर पिता को समय पर मदद न मिले, तो उनका तनाव बच्चे के विकास को शिशु अवस्था से कहीं आगे तक प्रभावित कर सकता है।

तीसरा, जन्म के बाद पिता का मानसिक तनाव, गर्भावस्था के दौरान उनके मानसिक तनाव की तुलना में, बच्चों के विकास से अधिक मजबूती से जुड़ा था।

कन्वरसेशन

नोमान नरेश

नरेश

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