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Tuesday, June 17, 2025

त्रिपुरा के आदिवासियों ने आम, अनानास के उत्पादन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है: मंत्री

Newsत्रिपुरा के आदिवासियों ने आम, अनानास के उत्पादन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है: मंत्री

अगरतला, 17 जून (भाषा) त्रिपुरा के आदिवासी कल्याण मंत्री विकास देबबर्मा ने मंगलवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्य के आदिवासियों ने आम और अनानास के उत्पादन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

उन्होंने यहां राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित दो दिवसीय अनानास और आम महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘त्रिपुरा में आदिवासियों द्वारा अनानास और आम का उत्पादन देखकर मैं चकित रह गया। यहां की भूमि उपजाऊ है और यहां लगभग सभी बागवानी उत्पाद प्रचुर मात्रा में उगाए जाते हैं। हमारे पास अपने प्राकृतिक संसाधनों को विकसित करने की पर्याप्त गुंजाइश है।’’

अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने के लिए सैकड़ों आदिवासी आम और अनानास लेकर महोत्सव स्थल पर पहुंचे।

अगरतला से लगभग 130 किलोमीटर दूर धलाई जिले में गंडचरा उपखंड, दुर्लभ और महंगी मियाजकी किस्म सहित आम की खेती के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में तेजी से पहचान बना रहा है।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि धलाई ने अपनी उच्च फल उपज के कारण त्रिपुरा के ‘फल जिले’ का खिताब अर्जित किया है।

वर्तमान में, धलाई में 1,386 हेक्टेयर रकबे में आम की खेती की जाती है, जिससे लगभग 7,055 टन की वार्षिक उपज होती है।

अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में त्रिपुरा में 10,357 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती की जा रही है, जिससे प्रति हेक्टेयर औसतन छह टन उपज की प्राप्ति होती है। यहां आम्रपाली, हिमसागर, अंबिका, अरुणिका और उच्च मूल्य वाली मियाजकी जैसी पारंपरिक और विदेशी किस्में उगाई जा रही हैं।

इस बीच, केंद्र सरकार त्रिपुरा की ‘क्वीन’ किस्म के अनानास की वैश्विक उपस्थिति को बढ़ावा देने के लिए 132.62 करोड़ रुपये की परियोजना का समर्थन कर रही है।

कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक फणी भूषण जमातिया ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) ने राज्य सरकार के प्रस्ताव के बाद अपना समर्थन दिया है।

त्रिपुरा में अनानास की खेती 12,095 हेक्टेयर में होती है, जो सालाना लगभग 1,77,433 टन उत्पादन करता है। जैविक रूप से उगाई गई ‘क्वीन’ किस्म अपने असाधारण स्वाद और पोषण मूल्य के लिए जानी जाती है।

पूर्वोत्तर राज्य में वर्तमान में अनानास की खेती 12,095 हेक्टेयर में होती है, जो सालाना लगभग 1,77,433 टन फल का उत्पादन करती है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

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