नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) भारत में फिनलैंड के राजदूत किम्मो लादेविर्ता ने मंगलवार को कहा कि उनके देश को इस साल भारत के साथ एक समझौते को अंतिम रूप देने की उम्मीद है जिससे कुशल पेशेवरों, छात्रों एवं शोधकर्ताओं की आवाजाही को सुगम बनाया जा सके।
लादेविर्ता ने उम्मीद जताई कि कुशल श्रमशक्ति के प्रवास को बढ़ावा देने के लिए 2022 की आशय घोषणा को एक समझौता ज्ञापन में बदल दिया जाएगा।
फिनलैंड के राजदूत ने ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ बातचीत में कहा, ‘हम छात्रों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और व्यावसायिक पेशेवरों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाना चाहते हैं। हालांकि मेरे पास कोई विशेष समयसीमा नहीं है लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस साल के दौरान इस आवागमन समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।’
लादेविर्ता ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और सेवाओं को मांग वाले क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया।
भारत ने अन्य देशों के साथ लगभग 18 आवागमन एवं प्रवास समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और इसी तरह के समझौते कई यूरोपीय देशों के साथ बातचीत के विभिन्न चरणों में हैं।
फिनलैंड में लगभग 20,000 भारतीय नोकिया जैसी वैश्विक कंपनियों और स्टार्टअप फर्मों में काम कर रहे हैं।
लादेविर्ता ने कहा कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ संकल्प के साथ तालमेल बिठाते हुए डिजिटलीकरण, शिक्षा, स्थिरता और नवाचार में दोनों देशों के बीच सहयोग की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
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