नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने मंगलवार को कहा कि उसने हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाओं के विकास के लिए गुजरात के कांडला में जमीन हासिल कर ली है।
सरकार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन और परिवहन में इसके उपयोग पर केंद्रित प्रायोगिक परियोजनाओं जैसी पहल के साथ स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है।
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए, कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एस एन सुब्रह्मण्यन ने कहा कि एलएंडटी ने उभरते स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण पहले से ही प्रगति पर है, जिससे कंपनी को हरित हाइड्रोजन में पहल करने वाली बढ़त का लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत को एसएमआर तकनीक हस्तांतरित करने के लिए अमेरिकी ऊर्जा विभाग से विनियामक अनुमोदन महत्वपूर्ण है। एलएंडटी इसके लिए केवल तीन पात्र भारतीय कंपनियों में से एक है, यह हमारी एसएमआर यात्रा की औपचारिक शुरुआत का संकेत देता है जो हमें देश में परमाणु ऊर्जा के व्यावसायीकरण का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाता है।
हालांकि हमने हरित हाइड्रोजन और एसएमआर दोनों के लिए वैश्विक भागीदारों के साथ शुरुआत की है, हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य स्वयं तकनीक विकसित करना, मुख्य उपकरण बनाना और उभरते बाजारों के लिए लागत प्रभावी, अभिनव समाधान प्रदान करना है।’’
उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया इकाइयों के विनिर्माण के लिए गुजरात के कांडला में भूमि हासिल कर ली गई है। एलएंडटी वैश्विक स्तर पर हरित हाइड्रोजन, अमोनिया और मेथनॉल में ईपीसी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में भी सक्षम है।
इससे पहले, लार्सन एंड टुब्रो ने हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के विकास के लिए एलएंडटी ग्रीन एनर्जी कांडला प्राइवेट लिमिटेड के गठन की घोषणा की थी।
पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पादित और नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन के रूप में जाना जाता है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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