नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) एक व्यक्ति से 10 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद बिक्री में संलिप्त एक संगठित गिरोह के सरगना सहित छह साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी हिमांशु बैसोया (23) दिल्ली के कोटला मुबारकपुर से बीसीए कर रहा है और उसने कथित तौर पर फर्जी तरीके से कई बैंक खाते संचालित किये, नकदी निकालकर और स्थानीय डीलरों के माध्यम से हिस्सा के आधार पर अमेरिकी डॉलर से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी ‘टेथर’ खरीदकर घोटाले को अंजाम दिया।
उसने बताया कि बैसोया ने अपने साथियों के साथ मिलकर क्रिप्टो खरीद बिक्री के लिए फर्जी मंच बनाया और निवेश पर अधिक मुनाफा का वादा करके सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जाल में फंसाया।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने बताया, ‘‘यह धोखाधड़ी तब प्रकाश में आयी जब एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसके साथ 10 लाख रुपये की ठगी की गई है।’’
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी की खरीद बिक्री में निवेश करने का प्रलोभन दिया गया था।
डीसीपी ने कहा, ‘‘पीड़ित को एक जाली डैशबोर्ड पर फर्जी मुनाफा दिखाया गया। हालांकि, जब उसने अपने पैसे निकालने का प्रयास किया तो जालसाजों ने अग्रिम में 30 प्रतिशत हैंडलिंग शुल्क की मांग की।’’ उन्होंने बताया कि इससे व्यक्ति को संदेह हुआ और उसने दक्षिण साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
चौहान ने बताया कि शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई और मामले की जांच के लिए कई टीम गठित की गईं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान, टीम ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की एक गृहिणी गरिमा (38) को पकड़ा, जिसने सह-आरोपी आलोक सिंह को 1,000 रुपये में अपने बैंक खाते की जानकारी उपलब्ध कराई थी।
डीसीपी चौहान ने कहा, ‘‘गरिमा को मामले में हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ के बाद पुलिस उत्तर प्रदेश निवासी आलोक सिंह और अविनाश वर्मा तक पहुंची, जिन्हें मिर्जापुर से गिरफ्तार किया गया।’’
अधिकारी ने बताया कि सिंह और वर्मा ने ग्रामीणों के नाम पर मामूली रकम पर बैंक खाते खुलवाए और उन्हें बैसोया को 15,000 रुपये प्रति खाते के हिसाब से बेच दिया। उन्होंने इन खातों को चलाने के लिए सिम कार्ड की व्यवस्था की, जिससे बैसोया को निवेशकों से ठगी करके जुटाई गई रकम को इधर-उधर करने में मदद मिली।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने बैसोया को भी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है और उसे पुलिस हिरासत में रखा है। उसने एटीएम से नकदी निकालने और उसे दो क्रिप्टो व्यापारियों सिमरनजीत सिंह उर्फ लवी और कमल इन्सां उर्फ कमल अवाना के माध्यम से ‘टेथर’ में बदलने की बात कबूल की है। दोनों दिल्ली के बदरपुर के निवासी हैं।
डीसीपी ने कहा, ‘‘सिंह (28), जो स्वयं बीसीए स्नातक है और उसी ने बैसोया को कमल इन्सां (29) से मिलवाया था, जो एक इंटीरियर डिजाइनर है और मुनाफे पर यूएसडीटी (टेथर) का सक्रिय रूप से व्यापार करता था। दोनों ने नकद राशि प्राप्त की और बदले में क्रिप्टोकरेंसी प्रदान की, जिसे बैसोया ने एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग मंच के माध्यम से अज्ञात संपर्कों को स्थानांतरित कर दिया।’’
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और चार बैंक पासबुक बरामद की गई हैं, जिनका कथित तौर पर धोखाधड़ी में इस्तेमाल किया गया था।
भाषा
शुभम धीरज
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