मुंबई, 17 जून (भाषा) यहां की एक विशेष सीबीआई अदालत ने कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में व्यवसायी अभय लोढ़ा को आरोपमुक्त करने से इनकार करते हुए कहा कि अपराध में उनकी “सकारात्मक संलिप्तता” स्पष्ट है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि लोढ़ा ने अन्य आरोपियों के संग मिलकर बैंक अधिकारियों के साथ साजिश करके यूको बैंक से 74.82 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
लोढ़ा टॉपवर्थ स्टील्स एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीपीएल) और टॉपवर्थ ग्रुप के प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक (एमडी) हैं।
पिछले हफ्ते विशेष सीबीआई न्यायाधीश वी.पी. देसाई ने उनकी आरोप मुक्त करने की याचिका खारिज कर दी थी।
अदालत ने कहा कि जांच से पता चला है कि वह मामले में “मुख्य आरोपी” हैं और “उनकी संलिप्तता के बिना अपराध नहीं किया जा सकता था”।
यह आदेश मंगलवार को उपलब्ध हुआ। इसमें कहा गया, “अपराध के सभी महत्वपूर्ण चरणों में लोढ़ा की सकारात्मक संलिप्तता है।”
इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री “आपराधिक मंशा थी”।
यूको बैंक की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 2018 में लोढ़ा और अक्षता मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) नामक फर्म के पदाधिकारियों सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लोढ़ा द्वारा प्रवर्तित टॉपवर्थ समूह की कंपनी एएमपीएल ने यूको बैंक में रियायती एलसी (साख पत्र) से प्राप्त 74.82 करोड़ रुपये को समूह की अन्य कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया।
भाषा प्रशांत दिलीप
दिलीप