अमरावती, 17 जून (भाषा) वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश में एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार के ‘अमानवीय शासन’ के परिणामस्वरूप चित्तूर जिले में एक महिला को पेड़ से बांध दिया गया और बकाया कर्ज न चुकाने पर उसे प्रताड़ित किया गया।
चित्तूर जिले के नारायणपुरम गांव में स्थानीय लोगों और स्थानीय संगठनों से लिए गए ऋण का भुगतान न करने पर सिरीशा नामक एक महिला को पेड़ से बांधकर प्रताड़ित करने का वीडियो मंगलवार को व्यापक रूप से प्रसारित हुआ। इसे लेकर लोगों में व्यापक आक्रोश है।
थिम्मारायप्पा की पत्नी सिरीशा (29) सोमवार को अपने बच्चों के स्कूल से स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) लेने के लिए बेंगलुरु से लौटी थीं, तभी स्थानीय लोगों ने उससे पति द्वारा उधार लिए गए पैसों के बारे में पूछा।
रेड्डी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “नारायणपुरम गांव में, जो आपके (नायडू) कुप्पम निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, एक महिला को पेड़ से बांध दिया गया और उसे प्रताड़ित किया गया। यह आपके अमानवीय शासन का प्रत्यक्ष परिणाम है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि थिम्मारायप्पा नामक एक दिहाड़ी मजदूर ऋण चुकाने में असमर्थ था और परिणामस्वरूप, “आपके (नायडू) पार्टी कार्यकर्ता ने उसकी पत्नी सिरीशा को एक पेड़ से बांध दिया और उसे प्रताड़ित किया।”
विपक्षी नेता ने कहा कि महिला को परेशान किया गया, जबकि उसके बच्चे पास में खड़े होकर असहाय होकर रो रहे थे। उन्होंने दावा किया कि कोई दया नहीं दिखाई गई और ‘उसे छोड़ा नहीं गया’।
उन्होंने कहा, “चंद्रबाबू, यह आपके शासन में हुई कई क्रूर घटनाओं में से एक है। राज्य भर में महिलाएं और लड़कियां आपकी पार्टी द्वारा फैलाई गई दमनकारी और प्रतिगामी संस्कृति का शिकार बन रही हैं।”
इसके अलावा रेड्डी ने मांग की कि राज्य सरकार पिछले एक साल में सिरीशा समेत महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचारों को गंभीरता से ले। उन्होंने मांग की कि दोषियों को कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जाए।
इस बीच, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि बकाया कर्ज न चुकाने पर एक महिला को पेड़ से बांधने की घटना से वह व्यथित हैं।
लोकेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सरकार इस तरह की कार्रवाइयों को बहुत गंभीरता से लेती है। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गठबंधन सरकार महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है।”
भाषा
प्रशांत धीरज
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