भुवनेश्वर, 17 जून (भाषा) ओडिशा सरकार ने 10 प्रतिशत नमूनों में खतरनाक वाइब्रियो हैजा वायरस की पुष्टि होने के बाद मंगलवार को सभी 30 जिलों को जल-जनित बीमारी के प्रसार के खिलाफ अलर्ट किया। तटीय क्षेत्र में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं।
बीमारी की शुरुआत नौ जून को जाजपुर जिले में अतिसार के रूप में हुई थी और यह अब अन्य जिलों में फैल गई है, जिनमें ढेंकनाल, भद्रक, क्योंझर और कटक शामिल हैं। कुछ अन्य जिलों से भी अतिसार के छिटपुट मामलों की सूचना मिली है, जबकि जाजपुर से एकत्र किए गए नमूनों में हैजा वायरस का पता चला है।
राज्य की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव अस्वथी एस. ने यहां मीडिया कर्मियों से कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से भेजे गए कुल नमूनों के 10 प्रतिशत में हैजा पाया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मामलों के अलावा, मंगलवार को इन जिलों में लगभग 300 लोग अतिसार से प्रभावित थे।
बीमारी के प्रसार होने के बाद राज्य सरकार को सभी कलेक्टर को अलर्ट कर दिया है, जिसमें उन्हें कम से कम एक सप्ताह के लिए निवारक उपाय करने के लिए कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा, ‘स्थिति नियंत्रण में है और सरकार श्रृंखला को तोड़ने और बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रयास कर रही है।’’
मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने मंगलवार को यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कलेक्टरों के साथ एक बैठक की।
अस्वथी ने कहा, ‘‘हमने सभी जिला कलेक्टर और जिला-स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे कम से कम एक सप्ताह के लिए कीटाणुनाशक अभियान, स्वच्छता गतिविधियां और आंगनवाड़ी और आशा कर्मियों को लामबंद करें।’’
अस्वथी ने कहा कि हालांकि, ‘माइल्ड डायरिया’ (प्रारंभिक चरण) वाले लोगों ने अस्पताल आना शुरू कर दिया है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
उन्होंने कहा कि पांचों जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
सचिव ने बताया कि पिछले दो दिनों से ओडिशा में मौजूद केंद्रीय दल ने मंगलवार को फिर जाजपुर जिले का दौरा किया और बुधवार को वे ओडिशा सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि बीमारी एक स्रोत से नहीं फैली है, ‘‘इसलिए हमें सभी स्रोतों को कीटाणुरहित करना होगा।’’
उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम हुए हैं। उन्होंने हालांकि, फिर से संक्रमण की आशंका है, इसलिए लोगों से सरकार की स्वास्थ्य सलाह का पालन करने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र-स्तरीय गतिविधियों की निगरानी के लिए चार राज्य-स्तरीय दलों को पांच जिलों में भेजा गया है।
जाजपुर के जिलाधिकारी पी अन्वेषा रेड्डी ने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जाजपुर जिले में लगभग 220 अतिसार के मरीज विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं में उपचाराधीन हैं।
अधिकारियों ने कहा कि जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में ‘स्ट्रीट फूड’ विक्रेताओं और सड़क किनारे होटलों को बंद करने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक दावत और खाद्य कार्यक्रम केवल अनुमति के साथ संचालित किये जा सकते हैं।
संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए अस्पतालों में हर 30 मिनट में सफाई की जाती है और कीटाणुरहित किया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि जाजपुर के प्रभावित क्षेत्र के अस्पतालों में आठ चिकित्सा विशेषज्ञ और 20 से अधिक सचल स्वास्थ्य दल तैनात किए गए हैं।
भाषा अमित माधव
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