नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) भारत ने कपास को एक संवेदनशील घरेलू मुद्दा बताते हुए कहा है कि उसने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विकासशील और विकसित सदस्यों के बीच इस क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही असमानताओं को दूर करने की मांग की है।
डब्ल्यूटीओ के एक नोट के मुताबिक, भारत ने कपास संबंधी दीर्घकालिक मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट कराया है।
विश्व व्यापार संगठन की कृषि संबंधी समिति के अध्यक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने लंबे समय से चले आ रहे निर्देशों को पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया है, जिसमें खाद्यान्नों के सार्वजनिक भंडारण, विशेष सुरक्षा तंत्र और कपास के मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढना शामिल है।
डब्ल्यूटीओ के सर्वोच्च निर्णायक निकाय ‘मंत्रिस्तरीय सम्मेलन’ की अगले साल 26-29 मार्च को कैमरून में होने वाली अगली बैठक को ध्यान में रखते हुए भारत की यह मांग महत्वपूर्ण है।
भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि कपास घरेलू स्तर पर एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला है, क्योंकि किसानों की अशक्तता के मामले में स्थिति कुछ अन्य कपास उत्पादक देशों जैसी ही है, क्योंकि कपास की खेती छोटे और सीमांत किसानों द्वारा शुष्क क्षेत्रों में की जाती है।
भारत ने विकासशील और विकसित सदस्यों के बीच कपास क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही असमानताओं को संबोधित करने के महत्व को भी रेखांकित किया है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण