नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक में मंगलवार को कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान के साथ चीन की नजदीकी का विषय उठाया और इस चुनौती से निपटने के लिए भारत की तैयारियों एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में सवाल किए।
सूत्रों ने बताया कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने बांग्लादेश की चीन के साथ कथित निकटता को भी उल्लेख किया, जबकि एक सांसद ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में भारत का रक्षा बजट पिछले कई दशकों में सबसे कम है।
कुछ सदस्यों ने इजराइल-ईरान सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और उनको सुरक्षित बाहर निकालने की जरूरत पर जोर दिया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक में हिंद महासागर से संबंधित भारत की रणनीति के मूल्यांकन पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
करीब ढाई घंटे तक चली बैठक में कुछ सांसदों ने पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य टकराव से जुड़े कुछ बिंदुओं का उल्लेख किया।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सेदारी के आधार पर अपेक्षाकृत कम रक्षा बजट और भारतीय हितों के खिलाफ चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के त्रिकोण के खतरे का मुद्दा उठाया।
एक सांसद ने बताया कि इस बात पर सहमति थी कि जीडीपी के हिस्से के रूप में रक्षा व्यय बढ़ना चाहिए। साथ ही कुछ सदस्यों ने अपनी सेना को बढ़ावा देने के लिए चीन द्वारा दशकों से संबंधित बजट में भारी वृद्धि का हवाला दिया।
सूत्रों ने कहा कि कुछ सांसदों ने सुझाव दिया कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य गठजोड़ को रेखांकित किया।
बैठक के बाद थरूर ने इजराइल-ईरान संघर्ष से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘यह विषय एजेंडे में नहीं था, लेकिन कुछ सांसदों ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ी चिंता को उठाया और विदेश मंत्रालय द्वारा उस पर विस्तृत जवाब का वादा किया गया। लेकिन यह आज के एजेंडे में नहीं था।’’
उन्होंने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा नहीं हुई, लेकिन पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के कुछ बिंदुओं पर बात हुई।
बैठक के एजेंडे के बारे में बात करते हुए थरूर ने कहा, ‘‘भारत की हिंद महासागर से संबंधित रणनीति के विषय पर चर्चा की गई, जो विदेश नीति का विषय है, लेकिन इसमें महत्वपूर्ण रक्षा आयाम हैं। आज हमारे साथ रक्षा सचिव और नौसेना प्रमुख भी मौजूद थे।’’
भाषा हक रंजन
रंजन