श्रीनगर, 17 जून (भाषा) केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था की मंगलवार को समीक्षा की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि बैठक में गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका भी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि साथ ही इस बैठक में सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
यह यात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों से शुरू होने वाली है। इसमें अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा वाला बालटाल मार्ग शामिल है। यह यात्रा 38 दिन चलेगी।
तीर्थयात्रियों का पहला जत्था दो जुलाई को भगवती नगर शिविर से कश्मीर के लिए रवाना होगा और उसी शाम पहलगाम मार्ग पर नुवान और सोनमर्ग मार्ग पर बालटाल आधार शिविरों पर पहुंचेगा।
अधिकारियों ने कहा कि बैठक के दौरान केंद्रीय गृह सचिव को विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई – जिसमें चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग, सीसीटीवी निगरानी और तीर्थयात्रियों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) टैग का उपयोग शामिल है।
बैठक में पूरे अमरनाथ यात्रा मार्ग को ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित करने के बारे में भी बताया गया, जो एक जुलाई से 10 अगस्त तक दोनों मार्गों पर किसी भी यूएवी, ड्रोन या गुब्बारे के संचालन पर रोक लगाता है।
अधिकारियों ने कहा कि मोहन को पवित्र गुफा मंदिर के लिए पूरे यात्रा मार्ग और विभिन्न आधार शिविरों पर लागू किये गए बहुस्तरीय सुरक्षा उपायों के बारे में भी बताया गया।
केंद्रीय गृह सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रतिकूल तत्वों को दूर रखने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखें और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न सहयोगी एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करें।
पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में इस साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उक्त आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
इस अमरनाथ यात्रा को पूर्व में भी कई बार आतंकवादियों ने निशाना बनाया है। आखिरी बड़ा हमला जुलाई 2017 में हुआ था, जब आठ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।
भाषा अमित रंजन
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