नोएडा (उप्र), 17 जून (भाषा) ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर एक महिला से 50 लाख रुपये की ठगी करने के आरोपी को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी सुमित ने खुद को दूरसंचार विभाग का कर्मचारी बताया था और पीड़ित के खिलाफ धन शोधन के आरोप लगाने की धमकी दी थी।
पुलिस ने बताया कि उसने पीड़ित को विभिन्न बैंक खातों में 50 लाख रुपये हस्तांतरित करने को कहा।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) साइबर प्रीति यादव ने बताया कि एक महिला ने 26 मई को साइबर अपराध थाने में मामला दर्ज कराया था कि साइबर ठगों ने दूरसंचार विभाग का कर्मचारी बताकर उससे संपर्क किया और धन शोधन के मामले में फंसाने की धमकी देकर उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर 50 लाख रुपये ठग लिए।
महिला ने बताया कि कथित पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने मामले को लेकर उससे पूछताछ की। फर्जी कागजात और गिरफ्तारी वारंट भेजकर उसे डराया। इसके बाद जांच के नाम पर उसके खाते से 50 लाख रुपये ठगों ने विभिन्न खातों में यह कहकर हस्तांतरित करा लिए कि यह रकम बाद में मूल खाते में वापस कर दी जाएगी। रकम हस्तांतरित होते ही ठगों ने महिला से संपर्क तोड़ दिया और ठगों का मोबाइल भी बंद आने लगा। ठगी की जानकारी होने के बाद महिला ने पुलिस से संपर्क किया।
डीसीपी ने बताया कि एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) साइबर प्रकोष्ठ विवेक रंजन राय की अगुवाई में जब पुलिस मामले की जांच करने में जुटी तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सिविल लाइन निवासी सुमित का नाम प्रकाश में आया। सुमित की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई।
उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना पर मंगलवार को सुमित को उसके निवास स्थान से गिरफ्तार कर लिया गया।
साइबर अपराध की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मनीषा सिंह ने बताया कि पीड़िता ने 26 मई को सुमित के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सुमित के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में दो मामले दर्ज हैं।
पूछताछ के दौरान सुमित ने ठगी की रकम हासिल करने के लिए कई बैंक खाते खोलने की बात कबूल की। पुलिस को एक निजी बैंक खाते में चार लाख रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में 14 लाख रुपये मिले हैं, दोनों ही धोखाधड़ी से जुड़े हैं।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि सुमित के एक साथी को तीन जून को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में उसे जेल भेज दिया गया था।
आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि आगे की जांच जारी है।
भाषा सं सुरभि रंजन
रंजन