मिर्जापुर, 18 जून (भाषा) जिले के सुदूरवर्ती मरिहान इलाके में स्थित एक सरकारी आवासीय विद्यालय की 12 दलित और ओबीसी लड़कियों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (यूजी) में सफलता प्राप्त की है।
सभी 12 छात्राएं अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों से हैं।
अधिकारियों के अनुसार, ये छात्राएं मरिहान के सर्वोदय विद्यालय की उन 25 लड़कियों में शामिल हैं, जिन्होंने नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) परीक्षा दी थी।
नीट के नतीजे 14 जून को घोषित किए गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा पास करने वाली छात्राओं में श्वेता पाल, कुमारी पूजा रंजन, प्रिंसी, कोमल कुमारी, लक्ष्मी, अनुराधा, सभ्या प्रजापति, दीप्ति और पूजा सोनकर शामिल हैं।
अपनी सफलता से उत्साहित छात्रा श्वेता पाल ने कहा, ‘शिक्षकों और वार्डन ने हमेशा हम पर नज़र रखी और सुनिश्चित किया कि हम अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखें। हमारे शिक्षक हमेशा मदद के लिए उपलब्ध रहते थे। जब हमें ब्रेक की ज़रूरत होती थी तो हम इनडोर और आउटडोर गेम भी खेलते थे।’
श्वेता पाल के पिता हीरा लाल ने स्कूल की शिक्षा प्रणाली की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘कॉलेज और छात्रावास की सुविधाएँ बहुत अच्छी थीं। शिक्षक सहयोगी और उत्साहवर्धक थे।’
पूजा रंजन के पिता रमेश रंजन ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘पूजा बहुत खुश है कि उसने अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा पास कर ली।’
उन्होंने बताया कि 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए मरिहान आने से पहले पूजा सोनभद्र के सर्वोदय विद्यालय में पढ़ती थी। उन्होंने कहा, ‘उसने उप्र बोर्ड की परीक्षा में 81 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और प्रतिदिन 16 से 18 घंटे पढ़ाई की – पांच घंटे कोचिंग, छह से सात घंटे घर पढ़ाई और छह घंटे स्कूल में पढ़ना।’
इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका निरंजन ने कहा, ‘सरकारी स्कूलों को आदर्श के रूप में पेश करने के लिए मरिहान का सर्वोदय विद्यालय मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘यह एक आवासीय विद्यालय है और ये लड़कियां दो या उससे अधिक वर्षों से यहां पढ़ रही हैं। नियमित स्कूली शिक्षा के अलावा, उन्होंने नीट और जेईई की कोचिंग भी ली। यहां रहना, खाना और शिक्षा – सब कुछ मुफ़्त है।’
जिला समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र सिंह ने बताया, ‘मरिहान सर्वोदय विद्यालय को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया था। मैं और उप निदेशक समाज कल्याण दोनों ने ही उनके प्रशिक्षण और कोचिंग पर कड़ी नजर रखी। हमने सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराईं – किताबें, कोचिंग, भोजन और इनडोर-आउटडोर खेल।’
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सफल छात्राओं को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उन्होंने इस उपलब्धि को ‘शानदार सफलता’ बताया और कहा, ‘अब से कुछ साल बाद, ये लड़कियां डॉक्टर बनेंगी और लोगों की जान बचाएंगी, उन्हें स्वस्थ बनाएंगी’।
मंत्री ने मंगलवार को एक एक्स पोस्ट में कहा, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि इन लड़कियों की छात्रवृत्ति में कोई रुकावट न आए।’
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि मरिहान सर्वोदय विद्यालय में उत्कृष्टता केंद्र की पहल पूर्व नवोदयन फाउंडेशन, वाराणसी और टाटा एआईजी के सहयोग से चल रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र में कुल 39 लड़कियों ने नीट और जेईई की मुफ्त कोचिंग ली जिनमें से 26 ने नीट के लिए पंजीकरण कराया, 25 परीक्षा में शामिल हुए और 12 उत्तीर्ण हुए।
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित सर्वोदय विद्यालय वर्तमान में कक्षा 6 से 12 तक आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए राज्य भर में 100 आवासीय परिसर संचालित करते हैं। ये संस्थान प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग के साथ-साथ निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं, जिससे हाशिए के समुदायों के छात्रों के लिए नए अवसर पैदा होते हैं।
भाषा सं जफर नरेश मनीषा
मनीषा