लखनऊ, 18 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आपदा से निपटने की रणनीति को और प्रभावी बनाने के लिए 16वें वित्त आयोग के सामने कई अहम प्रस्ताव रखे हैं। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी।
राज्य सरकार द्वारा बुधवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक सरकार ने हाल ही में 16वें वित्त आयोग के सामने आपदा प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए कई अहम प्रस्ताव रखे हैं जिनमें राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीएमएफ) के नियमों में कई बदलाव शामिल हैं।
बयान के अनुसार सरकार की ओर से रखे गये प्रस्तावों में राज्य द्वारा अधिसूचित आपदाओं, जैसे उष्ण लहर, वज्रपात, असमय बारिश, तूफान, सांप के काटने और डूबने जैसी घटनाओं को राष्ट्रीय आपदा सूची में शामिल करने की बात कही है।
सरकार का मानना है कि ये आपदाएं राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती हैं।
बयान के मुताबिक, ‘‘प्रदेश सरकार ने राज्य अधिसूचित आपदाओं के लिए खर्च की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 फीसद करने की मांग की है। यह बदलाव इसलिए जरूरी है क्योंकि राज्य की आपदाएं अधिक लोगों को प्रभावित करती हैं और उनके लिए पर्याप्त संसाधनों की जरूरत होती है।’’
इसमें कहा गया कि राज्य सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि कोष के विभिन्न मदों के बजट को आपस में बदलने की व्यवस्था होने चाहिए ताकि अगर किसी एक मद में खर्च न हो तो उसका उपयोग दूसरी जरूरतों के लिए किया जा सकेगा।
बयान में कहा गया, ‘‘सरकार ने एक और महत्वपूर्ण मांग रखते हुए कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के भवन निर्माण की अनुमति दी जाए। वर्तमान में एसडीआरएफ और एसडीएमएफ के नियम इसकी अनुमति नहीं देते।’’
बयान के अनुसार सरकार ने इसके साथ ही एक प्रतिशत प्रशासनिक खर्च की अनुमति देने की भी मांग की है ताकि आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर प्रशासनिक ढांचा तैयार किया जा सके।
भाषा सलीम खारी
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