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Wednesday, June 18, 2025

12 राज्यों में बढ़ती ड्रॉपआउट दर पर केंद्र चिंतित, तत्काल कदम उठाने के निर्देश

Fast News12 राज्यों में बढ़ती ड्रॉपआउट दर पर केंद्र चिंतित, तत्काल कदम उठाने के निर्देश

(दीपक रंजन)

नई दिल्ली, 18 जून (भाषा) केंद्र सरकार ने बिहार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और मध्य प्रदेश सहित एक दर्जन राज्यों में माध्यमिक स्तर पर छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर पर चिंता जतायी है।

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इन राज्यों को एनईपी 2020 में निर्धारित मानकों के अनुरूप ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए विशेष कदम उठाने का सुझाव दिया है।

यह जानकारी 2025-26 के लिए ‘समग्र शिक्षा’ कार्यक्रम पर शिक्षा मंत्रालय के तहत परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पीएबी) की बैठकों के मिनट दस्तावेज से प्राप्त हुई है।

ये बैठकें अप्रैल और मई 2025 के बीच विभिन्न राज्यों के साथ हुईं।

अधिकारियों के अनुसार, सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)के लक्ष्य के अनुसार 2030 तक स्कूल स्तर पर 100 प्रतिशत सकल नामांकन दर (जीईआर) हासिल करना चाहती है लेकिन इसमें ड्रॉपआउट को एक बाधा मानती है।

पीएबी की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश, झारखंड, त्रिपुरा, कर्नाटक, पंजाब, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में 2023-24 में छात्रों के माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर चिंता का विषय बनी हुई है।

केंद्र ने इन राज्यों को स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर के बच्चों (ओओएससी) की पहचान करने और उनका दाखिला सुनिश्चित करने के लिए स्कूल के आसपास घर घर जाकर सर्वेक्षण करने एवं एक विशेष नामांकन अभियान शुरू करने की सलाह दी है।

पीएबी की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में खासतौर पर यह देखा गया कि प्रबंधन पोर्टल में स्कूल से बाहर के बच्चों (ओओएससी) के संबंध में डेटा की रिपोर्टिंग में बहुत भिन्नता है। राज्य को सभी ओओएससी की पहचान और प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए स्कूल प्रबंधन समितियों की पूर्ण भागीदारी के साथ विशेष नामांकन अभियान शुरू करने का निर्देश दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में कुल स्कूलों में से 48.99% सरकारी स्कूल हैं लेकिन चिंता की बात यह है कि इन सरकारी स्कूलों में केवल 57.06% छात्र ही नामांकित हैं। इसलिए यह रेखांकित किया गया है कि निजी स्कूलों में नामांकन सरकारी स्कूलों की तुलना में अधिक है।

रिपोर्ट में दिल्ली को आने वाले वर्षों में उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) और शुद्ध नामांकन अनुपात (एनईआर) में सुधार को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है।

सरकारी दस्तावेज के अनुसार, पश्चिम बंगाल में माध्यमिक विद्यालय स्तर पर वार्षिक औसत ड्रॉपआउट दर 17.87 प्रतिशत है। राज्य को डेटा की जांच करने और उच्च ड्रॉपआउट दर के लिए जिम्मेदार कारकों पर काम करने की सलाह दी गई है।

इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर (7.7 प्रतिशत) पर ध्यान देने की आवश्यकता है। रिपोर्ट कहती है कि राज्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य के अनुसार उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 100% सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जो वर्तमान में 82.9 है।

कर्नाटक में माध्यमिक स्तर पर छात्रों के बीच में ही स्कूल छोड़ने की दर (22.1 प्रतिशत) राष्ट्रीय माध्यमिक स्तर (14.1) की दर से अधिक है, इसलिए इस पर ध्यान देने की आवश्यकता जतायी गयी है।

भाषा दीपक

नरेश

नरेश

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