कोलकाता, 18 जून (भाषा) रेटिंग एजेंसी इक्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। यह पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही थी।
एजेंसी ने अपने ताजा परिदृश्य में कहा कि इसी अवधि के दौरान देश की वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत से अधिक होगी।
जहां जीडीपी देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है, वहीं जीवीए उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य में से मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं की लागत को घटाने पर प्राप्त होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति के संबंध में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर के 3.5 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है, जबकि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) चालू वित्त वर्ष में 1.8 प्रतिशत से अधिक रहेगा।
इक्रा ने 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि इसी अवधि के दौरान चालू खाता घाटा 1.2 प्रतिशत से 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एजेंसी के अनुसार, रबी फसल बेहतर होने और सामान्य से अधिक जलाशय स्तर के कारण ग्रामीण मांग में तेजी बनी रहने की संभावना है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में आयकर में बड़ी राहत, नीतिगत दर में कटौती से ईएमआई (मासिक किस्त) में कमी और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी से घरेलू खर्च योग्य आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के वस्तु निर्यात में सुस्ती निकट भविष्य में भी जारी रह सकती है।
इक्रा के अनुमान के अनुसार, सेवा निर्यात के वस्तु निर्यात वृद्धि से आगे निकलने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र का पूंजीगत व्यय 2025-26 में 10.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिससे निवेश गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्यात के लिए कमजोर संभावना और व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता के कारण निजी पूंजीगत व्यय में कुछ वृद्धि हो सकती है।
भाषा अजय अनुराग रमण
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