नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा)रेलवे कर्मचारियों के संगठनों द्वारा पर्यवेक्षकों के स्थानांतरण और नियुक्ति में अनियमितताओं का आरोप लगाए जाने के बाद आगरा रेल मंडल अपने कुछ कर्मचारियों के तबादलों की समीक्षा कर रहा है।
आगरा रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक-समन्वय (डीओएम- समन्वय) कुलदीप मीणा ने बताया, ‘‘ हमें नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन (एनसीआरएमयू) से दो लिखित शिकायतें मिली हैं। एक पर्यवेक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है, जबकि दूसरी एक कर्मचारी के एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर अनौपचारिक स्थानांतरण के संबंध में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी नियुक्तियां मेरे वरिष्ठ डीओएम (समन्वय) के रूप में कार्यभार ग्रहण करने से पहले की गई थीं, इसलिए हमें इसकी समीक्षा करने और यह पता लगाने की आवश्यकता है कि क्या यूनियन की चिंता वैध है और यदि हां, तो पूर्ववर्ती प्राधिकार ने इसकी अनुमति क्यों दी।’’
एनसीआरएमयू ने आरोप लगाया है कि शोलाका रेलवे स्टेशन पर आधिकारिक तौर पर तैनात एक पॉइंट्समैन को आगरा छावनी रेलवे स्टेशन पर वरिष्ठ डीओएम (समन्वय) के निजी काम के लिए नियुक्त किया गया है।
एनसीआरएमयू के मंडल सचिव सुकेश कुमार यादव ने कहा, ‘‘पॉइंट्समैन को रेलवे के आवास आवंटन मानदंडों के विरुद्ध आगरा छावनी स्टेशन के नजदीक आवास आवंटित किया गया है और उसे वरिष्ठ डीओएम के घर पर उनके निजी कार्य के लिए नियुक्त किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसकी जांच की मांग करते हैं कि यह आवंटन कैसे हुआ और उक्त कर्मचारी शोलाका स्थित अपने स्टेशन अधीक्षक को रिपोर्ट क्यों नहीं कर रहा है।’’
मीणा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘पॉइंट्समैन को 7 मई, 2025 से वरिष्ठ डीओएम (समन्वय) के रूप में मेरे कार्यकाल शुरू होने से पहले नियंत्रण कार्यालय में नियुक्त किया गया था।’’
यादव ने आगरा के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) को लिखे एक अन्य पत्र में आरोप लगाया कि रेलवे की स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करते हुए कई यातायात निरीक्षकों और स्टेशन अधीक्षकों का वर्षों से तबादला नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कई मामलों में जूनियर ग्रेड वेतन वाले कर्मचारियों को पर्यवेक्षक की भूमिका दी गई है, जिससे वरिष्ठ कर्मचारियों में असंतोष है। हमने मांग की है कि डीआरएम को मंडल में लागू स्थानांतरण नीति लागू करनी चाहिए, ताकि नियुक्तियों में व्यक्तिगत पक्षपात आड़े न आए।’’
यादव ने कहा कि ‘‘आगरा के डीआरएम तेज प्रकाश अग्रवाल इन सभी मुद्दों से अवगत हैं, क्योंकि वह पिछले दो वर्षों से इस रेल मंडल में हैं और हमने व्यक्तिगत रूप से उन्हें कई बार इससे अवगत कराया है। हालांकि, उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।’’
अग्रवाल से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
भाषा धीरज माधव
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