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Thursday, June 19, 2025

अंतरराष्ट्रीय नौकरियों से जुडी धोखाधड़ी : निजी कंपनी के तीन अधिकारी गिरफ्तार

Newsअंतरराष्ट्रीय नौकरियों से जुडी धोखाधड़ी : निजी कंपनी के तीन अधिकारी गिरफ्तार

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) दिल्ली पुलिस ने विदेश में नौकरियों से जुडी धोखाधड़ी और मानव तस्करी में संलिप्त राष्ट्रीय राजधानी की एक निजी कंपनी के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मंगोलपुरी इलाके से संचालित इंडो किर्गिज ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने किर्गिजस्तान में आकर्षक नौकरी दिलाने के नाम पर 500 से अधिक भारतीयों के साथ कथित तौर पर ठगी की है। उन्होंने बताया कि इस गिरोह ने पीड़ितों से 4.62 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की तथा उनमें से कई को विदेश में प्रताड़ना और शोषण के लिए मजबूर किया।

अधिकारी ने बताया कि कंपनी का निदेशक और मामले में मुख्य आरोपी महावीर सिंह फरार है, जबकि पुलिस ने उसके बेटे साहिल नरवाल, वित्त प्रबंधक अतुल माथुर और मानव संसाधन प्रबंधक कमल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) आदित्य गौतम ने एक बयान में कहा, ‘‘यह मामला तब प्रकाश में आया जब मानव संसाधन परामर्शदात्री कंपनी के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी कंपनी को इंडो किर्गिज ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 4.62 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया, जिसके प्रतिनिधियों ने एक अनुबंध के तहत किर्गिस्तान में बड़े पैमाने पर श्रमिक तैनात करने का वादा किया था।’’

बयान के अनुसार महावीर सिंह और गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने 2023 के मध्य में वर्मा से संपर्क किया था।

बयान में कहा गया है, ‘‘आरोपी विश्वास दिलाने के लिए वर्मा को किर्गिस्तान ले गए, जहां उन्हें परिचालन स्थल और श्रमिक दिखाए गए। इसके बाद वर्मा ने लगभग 500 भारतीय श्रमिकों के लिए वीजा सुविधा और रोजगार व्यवस्था के लिए 4.62 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। प्रत्येक श्रमिक को एक साल का अनुबंध और 60,000 रुपये मासिक वेतन देने का वादा किया गया था।’’

गौतम ने शिकायत के हवाले से बताया कि आरोपियों ने विश्वास हासिल करने के लिए वैध विदेशी नौकरी के प्रस्ताव का झांसा दिया, मोटी रकम वसूली और आंशिक वीजा प्रक्रिया पूरी कराई।

पुलिस ने बताया में बताया कि 463 श्रमिकों की वीजा प्रक्रिया पूरी की गई लेकिन कंपनी ने केवल 346 श्रमिक विदेश भेजे। उसने बताया कि वहां पहुंचने के बाद, उनमें से कई को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, वेतन से वंचित किया गया और शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई।

इसमें कहा गया है, ‘‘शिकायतकर्ता की सहायता से 300 से अधिक श्रमिकों को बचाया गया और भारत वापस लाया गया। हालांकि, आरोपियों ने उनके पैसे वापस करने से इनकार कर दिया।’’

पुलिस के मुताबिक आरोपियों द्वारा मंगोलपुरी स्थित कार्यालय खाली किए जाने की कोशिश करने की सूचना मिलने के बाद उसकी एक टीम ने 21 मई को कार्यालय पर छापा मारा और तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि कार्यालय का निदेशक फरार हो गया।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

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