नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सभी कानूनी, वाणिज्यिक, डिजिटल और प्रशासनिक गतिविधियों के लिए भारतीय मानक समय (आईएसटी) के उपयोग को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है।
इस पहल से डिजिटल लेनदेन अधिक सुरक्षित होंगे, उपयोगिताओं में सटीक बिलिंग होगी, साइबर अपराध का जोखिम कम होगा और परिवहन और संचार में समय का समन्वय होगा। वर्तमान में, कई प्रणालियाँ समय के विदेशी स्रोतों पर निर्भर हैं।
भारतीय मानक समय (आईएसटी) को अनिवार्य बनाने के लिए, सरकार जल्द ही कानूनी माप विज्ञान (भारतीय मानक समय) नियम, 2025 को अधिसूचित करेगी। अंशधारकों की प्रतिक्रिया के लिए जनवरी, 2025 में नियमों का मसौदा जारी किया गया था।
बुधवार को उपभोक्ता मामले विभाग ने यहां समय प्रसार पर एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया।
जोशी ने सीएसआईआर-एनपीएल और इसरो के सहयोग से विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही टाइम डिसेमिनेशन परियोजना के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि आगामी नियम सभी कानूनी, वाणिज्यिक, डिजिटल और प्रशासनिक गतिविधियों को आईएसटी के साथ समन्वयित करने को अनिवार्य करेंगे, ‘‘जब तक स्पष्ट रूप से अधिकृत न किया जाए, वैकल्पिक समय संदर्भों के उपयोग पर रोक लगाएंगे।’’
जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम नियमों को अधिसूचित कर रहे हैं। इसमें, अब हम एक राष्ट्र एक समय हैं… ये नियम बहुत जल्द ही अनिवार्य हो जाएंगे। सटीक तिथि बाद में तय की जाएगी।’’
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