मदुरै, 18 जून (भाषा) तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार शिवगंगा जिले के कीलाडी में खुदाई के बाद प्राप्त निष्कर्षों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट जारी नहीं करती है तो वह संसद नहीं चलने देगी।
कीलाडी रिपोर्ट जारी नहीं किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की निंदा करने के लिए यहां द्रमुक युवा शाखा के एक प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पार्टी नेता तिरुचि शिवा ने कहा कि कीलाडी की खुदाई से तमिल लोगों की प्राचीन शहरी सभ्यता के व्यापक साक्ष्य मिले हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र उस रिपोर्ट को स्वीकार करने से क्यों इनकार कर रहा है? ऐसा इसलिए क्योंकि यह हमारे खिलाफ सांस्कृतिक युद्ध है; यह हमारे खिलाफ वैचारिक युद्ध है।’’
राज्यसभा सदस्य शिवा ने आरोप लगाया कि द्रमुक से मुकाबला करने में असमर्थ भाजपा सरकार तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन पर ‘सांस्कृतिक आक्रमण’ कर रही है।
हिंदी विरोधी आंदोलन और उसकी सफलता को याद करते हुए उन्होंने छात्रों से आंदोलन को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
इसके साथ ही शिवा ने एएसआई अधिकारी के. अमरनाथ रामकृष्ण का नाम लिए बगैर कहा कि ‘एक अधिकारी का तबादला कर दिया गया’ और केंद्र ने उनसे ‘बदला लिया’। रामकृष्ण ने कीलाडी में एएसआई की खुदाई का नेतृत्व किया था।
संसद का मानसून सत्र अगले महीने शुरू होगा।
द्रमुक नेता ने कहा, ‘‘इस बार संसद सत्र में सभी मुद्दों को बाद में उठाया जाएगा और कीलाडी पहला मुद्दा होगा जिसे हम उठाएंगे। अगर आप कीलाडी की घोषणा नहीं करते हैं तो हम संसद को चलने नहीं देंगे। अगर आप कीलाडी रिपोर्ट (खुदाई/निष्कर्षों पर एएसआई रिपोर्ट) को स्वीकार नहीं करते हैं, तो हम इस सरकार को ठप कर देंगे।’’
पार्टी के अनुसार सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे, वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं और छात्रसंघ पदाधिकारियों द्वारा इस संबंध में जनसंपर्क किया जाएगा।
एएसआई ने कथित तौर पर रामकृष्ण को कीलाडी पर अपनी रिपोर्ट फिर से तैयार करने और नए सिरे से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि दो साल पहले प्रस्तुत की गई उनकी रिपोर्ट पुरातात्विक मानकों के अनुरूप थी।
चेन्नई में इसी मुद्दे पर विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) के शीर्ष नेता थोल थिरुमावलवन ने कहा कि तमिल लोगों की प्राचीनता का खुलासा कीलाडी रिपोर्ट में किया गया है और ‘कार्बन डेटिंग’ की सर्वमान्य शोध पद्धति ने प्राचीनता को साबित कर दिया है।
भाषा यासिर अविनाश
अविनाश