कोलकाता, 18 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय द्वारा स्कूल सेवा आयोग भर्ती-2016 को रद्द किए जाने के कारण अपनी नौकरी गंवा चुके पश्चिम बंगाल के ‘बेदाग’ शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से मुलाकात की और उनकी (कर्मचारियों की) बर्खास्तगी एवं बहाली के लिए संभावित कानूनी कदमों पर सदन में विशेष चर्चा की मांग की।
प्रभावित उम्मीदवारों के दो-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख सचेतक निर्मल घोष एवं भारतीय जनता पार्टी के विधायक मनोज उरांव की मौजूदगी में बनर्जी से उनके कक्ष में मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक सुमन बिस्वास ने कहा, ‘‘हमने करीब 40 मिनट तक बात की। अध्यक्ष ने सहानुभूतिपूर्वक हमारी बात सुनी और हमें आश्वासन दिया कि सदन में चर्चा सुनिश्चित कराने के लिए वह हरसंभव कदम उठाएंगे।’’
बिस्वास ने कहा कि हम विधानसभा अध्यक्ष के साथ बातचीत के नतीजे से बहुत खुश हैं।
उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को पश्चिम बंगाल में सरकारी और सरकार द्वारा वित्त-पोषित स्कूलों में 25,753 शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए उनकी चयन प्रक्रिया को ‘‘दोषपूर्ण’’ करार दिया था, क्योंकि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई थीं।
राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय की समय सीमा से ठीक पहले 29 मई को नयी भर्ती प्रक्रिया शुरू की और 40,000 से अधिक नये पदों को अधिसूचित किया।
हालांकि, ‘डिजर्विंग टीचर्स राइट्स फोरम’ के तहत कई प्रभावित उम्मीदवार बिना किसी अन्य परीक्षा में शामिल हुए स्थायी बहाली की मांग कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हां, उन्होंने (प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने) मुझसे संपर्क किया और अपनी समस्याएं बताईं। मैंने उनसे कहा है कि हम उनकी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।’’
भाषा सुरभि सुरेश
सुरेश