28.9 C
Jaipur
Thursday, June 19, 2025

सरकार अब भी ‘लेटरल एंट्री’ के लिए तैयार है: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

Newsसरकार अब भी ‘लेटरल एंट्री’ के लिए तैयार है: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

(फाइल फोटो सहित)

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार अब भी ‘लेटरल एंट्री’ भर्ती के लिए तैयार है और इस योजना को अब तक छोड़ा नहीं गया है।

‘लेटरल एंट्री’ का मतलब सरकारी विभागों में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति है।

मंत्री ने यहां ‘सेवा और परिवर्तनकारी शासन के 11 वर्ष’ पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘‘हम अब भी इसके (लेटरल एंट्री भर्ती) लिए तैयार हैं। इसे छोड़ा नहीं गया है।’’

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बहुत नेक इरादे से इस पहल की शुरुआत की है।

उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, हमने इसे (लेटरल एंट्री) स्थगित नहीं किया है।’’

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले साल अगस्त में सरकारी विभागों में प्रमुख पदों को ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरने के लिए अपने विज्ञापन को रद्द कर दिया था, क्योंकि उन पदों के लिए आरक्षण प्रावधान की कमी को लेकर राजनीतिक विवाद था।

आयोग ने 17 अगस्त, 2024 को ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए 10 संयुक्त सचिवों और 35 निदेशकों या उप सचिवों के 45 पदों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी।

हालांकि, इस फैसले की विपक्षी दलों ने आलोचना की थी और दावा किया था कि इस प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण अधिकारों की अनदेखी की गई है।

सिंह ने कहा कि ‘लेटरल एंट्री’ मोदी सरकार के आने से पहले हुई थी।

मंत्री ने कहा, ‘‘1947 के बाद से भारत सरकार में सबसे महत्वपूर्ण, सबसे प्रसिद्ध ‘लेटरल एंट्री’ डॉ. मनमोहन सिंह की रही है, जो एक पद से दूसरे पद पर गए और अंततः प्रधानमंत्री बने। मोंटेक सिंह अहलूवालिया (तत्कालीन योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष) और कई अन्य लोगों की ‘लेटरल एंट्री’ हुई हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे यूपीएससी के माध्यम से संस्थागत बनाने की कोशिश की।

सम्मेलन के दौरान सिंह ने कहा, ‘‘इसलिए, मैंने कहा कि हम इसके लिए तैयार हैं।’’ कार्यक्रम को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) तथा पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी संबोधित किया।

ये सभी विभाग केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के अधीन हैं।

सरकारी कर्मचारियों द्वारा ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ के दुरुपयोग के मामलों की केंद्र द्वारा जांच किए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में डीओपीटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसा एक मामला है।

डीओपीटी के अतिरिक्त सचिव ए पी दास जोशी ने कहा, ‘‘पूजा खेडकर (मामले के बाद) हमने पीडब्ल्यूबीडी (बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्ति) के साथ-साथ ओबीसी और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) उम्मीदवारों के लिए कई तंत्र स्थापित किए हैं… हमें सोशल मीडिया पर भी बहुत सारी शिकायतें मिलीं, जिनकी हमने गहन जांच की और गहन पूछताछ की। और ज्यादातर मामलों में हमें कुछ भी नकारात्मक नहीं मिला।’’

भाषा सुरभि माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles