28.9 C
Jaipur
Thursday, June 19, 2025

डिजिटल गिरफ्तारी, साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए फिनटेक कंपनियां समाधान निकालें: सीतारमण

Newsडिजिटल गिरफ्तारी, साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए फिनटेक कंपनियां समाधान निकालें: सीतारमण

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप से डिजिटल गिरफ्तारी और अन्य प्रकार की साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए समाधान निकालने को कहा।

सीतारमण ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) इकाइयों की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने वित्तीय समावेश को गति देने और भुगतान प्रणाली को देश के दूरदराज के क्षेत्रों तक ले जाने में मदद की है।

उन्होंने ‘डिजिटल पेमेंट्स अवार्ड्स, 2025’ समारोह में अपने संबोधन में कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि स्टार्टअप कंपनियां समाधान लेकर आएं ताकि लोगों को घर पर डिजिटल रूप से गिरफ्तार न किया जाए या रातों-रात कोई उनका पैसा लेकर भाग नहीं जाए।’’

सीतारमण ने कहा कि एक और बड़ा खतरा ‘डीप फेक’ है, जो जनता को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज, हमें इन समस्याओं से निपटने का ध्यान देना चाहिए। इसलिए हमें फिनटेक कंपनियों के एक समूह की जरूरत है जो लगातार नई चुनौतियों से निपटने को लेकर समाधान निकालने के लिए काम कर रही हैं।’’

वित्त मंत्री ने फिनटेक क्षेत्र से डिजिटल ऋण सुविधाओं को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) क्षेत्र तक बढ़ाने का भी आह्वान किया।

सीतारमण ने कहा कि भारतीय फिनटेक क्षेत्र में होने वाले नवोन्मेष में वैश्विक सार्वजनिक वस्तु बनने की क्षमता है, जिससे अन्य उभरती और विकसित अर्थव्यवस्थाओं को लाभ मिल सकता है। इससे हमारी कंपनियों के लिए नए बाजार खुलेंगे।

यूपीआई के माध्यम से अंतरररष्ट्रीय भुगतान अब भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित सात देशों में चुनिंदा कारोबारी प्रतिष्ठानों पर स्वीकार किए जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कंपनियों को अपने सफल मॉडल को विदेशों में निर्यात करने और वैश्विक बाजारों पर कब्जा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। हमारे पास प्रतिभा है…और हमारे पास सिद्ध समाधान हैं। इससे घरेलू कंपनियों के लिए नए बाजार खुलेंगे।’’

भारतीय फिनटेक बाजार के 2028-29 तक 400 अरब डॉलर से अधिक तक होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा,‘‘यह बहुत दूर नहीं है। तीस प्रतिशत की अनुमानित वार्षिक वृद्धि को देखते हुए केवल तीन साल। अवसर का पैमाना बहुत बड़ा है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इसका सर्वश्रेष्ठ अध्याय अभी लिखा जाना बाकी है।’’

सीतारमण ने कहा कि कहा कि भारत अब वास्तव में दुनिया के सभी वास्तविक समय के डिजिटल लेन-देन का लगभग आधा हिस्सा है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) ने गड़बड़ी को रोककर बहुत सारा पैसा बचाया है।

उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक डीबीटी के माध्यम से लगभग 44 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं और इससे 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में जिस गति से नवोन्मेष हो रहा है, वह कई अन्य देशों के लिए एक सपने जैसा है।

उन्होंने कहा, ‘‘कई विकसित देश हमारी फिनटेक कंपनियों द्वारा हासिल की गई गति के आसपास भी नहीं हैं… यह भारतीय फिनटेक क्षेत्र की बड़ी बात है।’’

विश्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी (डीपीआई) के माध्यम से भारत ने केवल छह वर्षों में 80 प्रतिशत वित्तीय समावेश हासिल कर लिया है।

सीतारमण ने कहा कि इस रिपोर्ट को पढ़ने वाले कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो इस उपलब्धि को हासिल करने में लगभग 50 साल लग जाते।

भाषा रमण अजय

अजय

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles