कोलकाता, 18 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बुधवार को आरोप लगाया कि राज्य की कालियागंज विधानसभा उपचुनाव के लिए 19 जून को होने वाले मतदान की वेबकास्टिंग करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गए ठेके में अनियमितता की गई है।
तृणमूल की वरिष्ठ नेता एवं मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने दावा किया कि गुजरात की एक कंपनी को न केवल उपचुनाव के लिए, बल्कि 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए भी अपारदर्शी तरीके से निविदा दी गई है।
उन्होंने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इससे साबित होता है कि निविदा प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी।’’
तृणमूल नेता एवं मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि बोलियां जमा करने के बावजूद बंगाल के स्थानीय स्टार्टअप्स को नजरअंदाज क्यों किया गया?
हकीम ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से स्पष्टीकरण मांगा तथा उस पर करदाताओं के धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
तृणमूल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय को लिखे पत्र में कहा, ‘‘वेबकास्टिंग का नेक इरादा – मतदान केंद्रों के अंदर और बाहर मतदान गतिविधियों का निरंतर वास्तविक समय में प्रसारण सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है, लेकिन यह प्रक्रियागत विसंगतियों और प्रतिबंधात्मक शर्तों के कारण प्रभावित हुआ प्रतीत होता है।’’
पत्र में कहा गया है, ‘‘विश्वसनीय रूप से यह पता चला है कि कालियागंज के लिए निविदा अनावश्यक रूप से प्रतिबंधात्मक और खुली प्रतिस्पर्धा की भावना के विपरीत है। परिणामस्वरूप, केवल तीन एजेंसियां ही अर्हता प्राप्त कर सकीं। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि अहमदाबाद, गुजरात की एक एजेंसी का चयन किया गया, जिसने अन्य की तुलना में उच्च वित्तीय बोली लगाई, फिर भी उसे तकनीकी मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर अनुबंध दिया गया, जो पूर्व निर्धारित प्रतीत होता है।’’
तृणमूल ने कहा, ‘‘यह देखना निराशाजनक है कि जिन एजेंसियों का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है- जिन्होंने पिछले चुनावों में निर्वाचन आयोग के मानदंडों के अनुसार सफलतापूर्वक वेबकास्टिंग सेवाएं प्रदान की हैं- उन्हें अनुचित तरीके से दरकिनार कर दिया गया है। इन एजेंसियों ने लगातार क्षमता और अनुपालन का प्रदर्शन किया है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए अद्यतन करने और अनुकूलन करने के लिए समान अवसर नहीं दिया गया है।’’
तृणमूल ने इस बात की आशंका जताते हुए कि इससे भविष्य में प्रतिस्पर्धात्मक तटस्थता पर असर पड़ सकता है, पत्र में मुख्य निर्वाचन आयुक्त से ‘‘संपूर्ण चयन प्रक्रिया की समीक्षा करने के लिए तत्काल और उचित कदम उठाने’’ का आग्रह किया है।
भाषा धीरज सुरेश
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