मुंबई, 18 जून (भाषा) बाजार सूचीबद्धता की मंशा रखने वाली स्टार्टअप कंपनियों के संस्थापकों को बड़ी राहत देते हुए सेबी ने निर्गम संबंधी मसौदा दस्तावेज दाखिल करने से कम-से-कम एक साल पहले आवंटित ‘कर्मचारी शेयर विकल्प’ (ईसॉप) को अपने पास रखने की बुधवार को मंजूरी दे दी।
मौजूदा नियमों के तहत कंपनियों के प्रवर्तक ईसॉप सहित शेयर-आधारित लाभ दिए जाने या उन्हें को पास रखने के लिए अपात्र हैं। यदि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की मंजूरी के लिए दस्तावेजों का मसौदा दाखिल करते समय उनके पास ऐसे शेयर-आधारित लाभ होते हैं, तो उन्हें निर्गम आने से पहले ऐसे लाभों को हटाना होता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि आईपीओ संबंधी दस्तावेज दाखिल करते समय प्रवर्तक के रूप में वर्गीकृत संस्थापकों को यह प्रावधान प्रभावित करता हुआ पाया गया है।
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि निदेशक मंडल ने दस्तावेज का मसौदा दाखिल करने से कम-से-कम एक साल पहले ऐसे लाभ पाने वाले संस्थापकों को सहूलियत देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, ताकि प्रवर्तक के रूप में निर्दिष्ट होने और कंपनी के सूचीबद्ध इकाई बनने के बाद भी ऐसे लाभों को जारी रखा जा सके और/या उनका उपयोग किया जा सके।
इन प्रस्तावों से उन सार्वजनिक कंपनियों को मदद मिलने की उम्मीद है जो कंपनी गठन के देश में बदलाव के बाद सूचीबद्ध होने का इरादा रखती हैं।
सेबी के निदेशक मंडल की पांडेय की अध्यक्षता में हुई यह दूसरी बैठक थी।
इसके अलावा सेबी के बोर्ड ने निर्गम के बारे में प्रासंगिक जानकारी निर्धारित करके पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के आवंटन संबंधी दस्तावेज़ की सामग्री को युक्तिसंगत बनाने के लिए भी मंजूरी दी।
फिलहाल क्यूआईपी में जारीकर्ता को आईसीडीआर (पूंजी का निर्गम एवं खुलासा शर्तें) मानदंडों के तहत निर्धारित आवंटन दस्तावेज में विवरण का खुलासा करना होता है।
इस तरह के खुलासे विस्तृत प्रकृति के होते हैं और एक लंबा आवंटन दस्तावेज़ तैयार करना समय लेने वाला काम है, जिससे ऐसी जानकारी का दोहराव होता है, जो पहले से ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।
सेबी ने कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने सूचीबद्ध इकाइयों द्वारा पात्र संस्थागत नियोजन के लिए आवंटन दस्तावेज़ को सरल और सुव्यवस्थित करने के लिए आईसीडीआर नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है।’’
यह प्रस्ताव सूचीबद्ध कंपनियों के बारे में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना को ध्यान में रखकर आवंटन दस्तावेज़ में ऐसी जानकारी के दोहराव को कम या समाप्त करता है। संक्षिप्त और संक्षिप्त रूप में खुलासा करना भी सक्षम किया गया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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