मुंबई, 18 जून (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) मंच पर कारोबार करने वाले कुछ शेयर ब्रोकर के लिए निपटान योजना शुरू करने की घोषणा की।
इस बहु-प्रतीक्षित कदम से उन कारोबारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, जिनका पैसा जुलाई, 2013 में एनएसईएल भुगतान संकट के बाद से अटका हुआ है।
सेबी ने निदेशक मंडल (बोर्ड) की बैठक के बाद बयान में कहा कि यह योजना उन शेयर ब्रोकर के लिए है जिनके खिलाफ उसके द्वारा प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की गई है।
इस योजना का चयन करके, ये ब्रोकर लंबित कार्यवाही को हल कर सकेंगे और उन्हें शीघ्र निष्कर्ष पर ला सकेंगे।
सेबी बोर्ड ने वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के माध्यम से निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों को भी मंजूरी दी।
इसने श्रेणी-1 और 2 एआईएफ को एआईएफ विनियमों के तहत सह-निवेश योजनाओं की पेशकश करने की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
इससे एआईएफ और निवेशकों को एआईएफ के माध्यम से गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में सह-निवेश करने और पूंजी निर्माण का समर्थन करने में सुविधा होगी।
नव अनुमोदित ढांचे के तहत, ‘सह-निवेश’ से तात्पर्य एआईएफ के प्रबंधक/प्रायोजक या गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में श्रेणी-1 और 2 एआईएफ के निवेशक द्वारा मुख्य एआईएफ निवेश के साथ-साथ किए गए निवेश से है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई एआईएफ योजना किसी कंपनी में 100 करोड़ रुपये का निवेश करती है, और कुल पूंजी की आवश्यकता 300 करोड़ रुपये है, तो कोष प्रबंधक अब योजना के तहत निवेशकों को अतिरिक्त 200 करोड़ रुपये का निवेश अवसर दे सकता है।
इससे पहले, सह-निवेश मुख्य रूप से पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के माध्यम से सुगम बनाया जाता था।
भाषा अनुराग अजय
अजय