26 C
Jaipur
Thursday, June 19, 2025

मोदी ने भारत-पाक संघर्ष पर ट्रंप की टिप्पणी खारिज की, कहा; मध्यस्थता स्वीकार नहीं

Newsमोदी ने भारत-पाक संघर्ष पर ट्रंप की टिप्पणी खारिज की, कहा; मध्यस्थता स्वीकार नहीं

(तस्वीर के साथ)

कनैनिस्किस (कनाडा), 18 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष रोकने में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए उनसे कहा कि भारत और पाकिस्तान ने बिना किसी मध्यस्थता के अपनी सेनाओं के बीच सीधी बातचीत के बाद पिछले महीने सैन्य कार्रवाई रोकी थी।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि ट्रंप के साथ मंगलवार को फोन पर करीब 35 मिनट तक हुई बातचीत में मोदी ने साफ तौर पर कहा कि भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता है और ‘न कभी स्वीकार’ करेगा। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के अनुरोध पर सैन्य कार्रवाई रोकने पर भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच बातचीत शुरू हुई थी।

मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को ‘‘छद्म युद्ध के रूप में नहीं, बल्कि एक युद्ध के ही रूप में देखता है’’ और भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी जारी है।

प्रधानमंत्री मोदी से टेलीफोन पर बातचीत के कुछ घंटे बाद ही बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर अपना पुराना दावा दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैंने युद्ध रुकवाया है… मैं पाकिस्तान को पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के मोदी के साथ व्यापार समझौता करने जा रहे हैं, लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रुकवा दिया है।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने युद्ध रुकवाया… मुझे पाकिस्तान से प्यार है। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के (प्रधानमंत्री) मोदी के साथ एक व्यापार समझौता करने जा रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध मैंने रुकवाया था।”

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की सबसे पहले घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति ने 10 मई को की थी। इसके बाद से ट्रंप दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने संघर्ष रोकने पर सहमत न होने पर दोनों देशों के साथ व्यापार रोकने की धमकी देकर संघर्ष विराम समझौते में मध्यस्थता की।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘‘पूर्व प्रतिबद्धताओं’’ का हवाला देते हुए कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आने के ट्रंप के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया।

सात से 10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़पों का ज़िक्र प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत के दौरान प्रमुखता से हुआ, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति के समय से पहले रवाना हो जाने के कारण दोनों नेताओं की जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात नहीं हो सकी थी।

मिसरी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के किसी प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई।’’

मोदी-ट्रंप बातचीत की अहम बातें साझा करते हुए उन्होंने बताया, ‘‘सैन्य कार्रवाई को रोकने पर चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर दोनों देशों की सेनाओं के मौजूदा संवाद चैनलों के माध्यम से हुई थी और इसकी पहल पाकिस्तान की ओर से की गई थी।’’

विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने ‘‘साफ तौर पर कहा कि भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता है और न ही कभी करेगा’’ और इस मामले पर भारत में पूरी तरह से राजनीतिक सर्वसम्मति है।

मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के अपने दृढ़ संकल्प से पूरी दुनिया को अवगत करा दिया है।

विदेश सचिव के अनुसार मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया कि भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई नपी-तुली, सटीक तथा तनाव को और बढ़ावा नहीं देने वाली थी।

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘भारत ने यह भी साफ कर दिया था कि पाकिस्तान की ओर से हमले की किसी भी कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी।’’

मिसरी ने कहा, ‘‘नौ मई की रात को उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था। उपराष्ट्रपति वेंस ने बताया था कि पाकिस्तान भारत पर एक बड़ा हमला कर सकता है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ-साफ कहा था कि अगर ऐसा कोई हमला होता है तो भारत और कड़ा जवाब देगा।’’

मोदी ने फोन पर बातचीत में कहा, ‘‘भारत ने 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का कड़ा जवाब दिया, जिससे पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनके हवाई अड्डों को निष्क्रिय कर दिया गया। भारत की कड़ी कार्रवाई के कारण पाकिस्तान को सैन्य अभियान रोकने का अनुरोध करना पड़ा था।’’

मिसरी ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पूछा था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आ सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा करने में असमर्थता जतायी। दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मुलाकात करने का प्रयास करने पर सहमति जतायी।’’

दोनों नेताओं ने फोन पर इजराइल तथा ईरान के बीच जारी संघर्ष के बारे में भी चर्चा की।

मिसरी ने कहा, ‘‘दोनों नेता इस पर सहमत हुए कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति के लिए दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत आवश्यक है और इस दिशा में प्रयास जारी रहने चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में दोनों नेताओं ने अपने विचार साझा किए और क्षेत्र में क्वाड की अहम भूमिका के प्रति अपना समर्थन जताया।’’

मिसरी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को अगले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का न्यौता दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने न्यौता स्वीकार कर लिया और कहा कि वह भारत आने के लिए उत्सुक हैं।’’

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए छह मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।

इन हमलों के कारण चार दिन तक सैन्य संघर्ष हुआ, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुआ।

भारत का कहना है कि उसकी कड़ी प्रतिक्रिया के कारण ही पाकिस्तान को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए अनुरोध करना पड़ा।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles