नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, गुजरात और ओडिशा 2023-24 के प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक (पीजीआई) में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे। शिक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
‘प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक’ विश्लेषण के लिए एक सूचकांक बनाकर राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र स्तर पर स्कूल शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि शीर्ष प्रदर्शन करने वाले अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केरल, दमन एवं दीव, हरियाणा, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान शामिल हैं।
जिलों के लिए प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक (पीजीआई-डी) स्कूली शिक्षा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन करता है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) ने अब तक 2017-18 से 2021-22 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई रिपोर्ट जारी की है।
नवीनतम रिपोर्ट में मेघालय को सबसे कम प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया गया है।
सूचकांक के अनुसार पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल औसत प्रदर्शन करने वालों में शामिल हैं।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पीजीआई की अवधारणा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव के लिए की गई, जिसका उद्देश्य एक समान पैमाने पर सभी जिलों के सापेक्ष प्रदर्शन का आकलन करना है।’’
‘पीजीआई-डी’ संरचना में 74 संकेतकों में 600 भारांक शामिल है, जिन्हें छह श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें परिणाम, बुनियादी ढांचा सुविधाएं, स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण, डिजिटल लर्निंग और शासन प्रक्रिया शामिल हैं।
इन श्रेणियों को आगे 11 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिनमें सीखने के परिणाम और गुणवत्ता, शिक्षक उपलब्धता और पेशेवर विकास परिणाम, सीखने का प्रबंधन, बुनियादी ढांचा सुविधाएं, स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षण, डिजिटल लर्निंग, उपस्थिति निगरानी प्रणाली और स्कूल नेतृत्व विकास आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो साल में सबसे अधिक प्रगति करने वालों में ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, चंडीगढ़ और गोवा शामिल हैं। वहीं छत्तीसगढ़, पंजाब और पश्चिम बंगाल के प्रदर्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली ने साल-दर-साल सबसे अधिक सुधार दर्ज किया, लेकिन आंकड़ों की अनुपलब्धता के कारण दो साल की अवधि में इसकी तुलना नहीं की जा सकी।
इस प्रगति के बावजूद, कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश शीर्ष चार ग्रेड श्रेणियों – ‘दक्ष’ (91-100 प्रतिशत), ‘उत्कर्ष’, ‘उत्ति-उत्तम’ या ‘उत्तम’ तक नहीं पहुंच पाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
रिपोर्ट के निष्कर्षों ने रेखांकित किया है कि अगर भारत को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सतत विकास लक्ष्य के तहत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करना है तो निरंतर नीतिगत प्रयास और शासन सुधार महत्वपूर्ण हैं।
भाषा खारी अविनाश अविनाश रंजन
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