जगरेब, 18 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत और क्रोएशिया इस बात पर सहमत हैं कि चाहे यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदानों से नहीं निकल सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है।
क्रोएशिया के अपने समकक्ष आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मीडिया को जारी एक संयुक्त बयान में मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक योजना बनाई जाएगी।
मोदी ने कहा कि उन्होंने और क्रोएशिया के उनके समकक्ष ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘‘तीन गुना’’ गति देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। आतंकवाद लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली ताकतों के लिए दुश्मन के समान है। हम इस बात पर सहमत हैं कि चाहे यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदानों से नहीं पाया जा सकता है और बातचीत एवं कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है।’’
उनकी यह टिप्पणी पश्चिम एशिया में इजराइल और ईरान के बीच सैन्य टकराव बढ़ने के कारण उत्पन्न स्थिति के बीच आई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि बैठक के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने भारत-क्रोएशिया द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक विस्तार की समीक्षा की और डिजिटल प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, समुद्री बुनियादी ढांचे, पर्यटन और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के अवसरों को तलाशा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पार आतंकवाद से लड़ने में भारत को निरंतर समर्थन देने के लिए क्रोएशिया का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ के रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने का आह्वान भी किया।
वार्ता के लिए पहुंचे मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया।
मोदी ‘बाल्कन’ (दक्षिण पूर्वी यूरोप का क्षेत्र) राष्ट्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वह अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में दिन में क्रोएशिया पहुंचे।
क्रोएशिया के प्रधानमंत्री प्लेंकोविक ने एक विशेष सम्मान के तहत कनाडा से आने पर हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
मोदी क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलनोविक से भी मुलाकात करेंगे।
भाषा सुरभि रंजन
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