(ताज जेहरा)
नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) ईरान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने बुधवार को कहा कि ईरान हमेशा शांति और सुरक्षा के पक्ष में है और तेहरान किसी भी शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन शर्त यह है कि पहले इजराइली सैन्य कार्रवाई की निंदा की जाए।
भारत में ईरान के मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जावेद हुसैनी ने यहां ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ बातचीत में कहा कि अमेरिकियों को दबाव डालना चाहिए और दूसरे पक्ष को बातचीत की मेज पर लाना चाहिए।
ईरान से भारतीय नागरिकों को निकालने के संबंध में उन्होंने कहा कि उनके देश का भारतीय दूतावास के साथ बहुत अच्छा संपर्क हैं और वे छात्रों सहित उन भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करेंगे जो देश छोड़ने के इच्छुक हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी विदेशी नागरिकों की सुरक्षा करने का प्रयास करते हैं।’
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि भारतीय दूतावास द्वारा की गई व्यवस्था के माध्यम से तेहरान में भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से शहर से बाहर ले जाया गया।
बातचीत के दौरान हुसैनी ने आरोप लगाया, ‘इज़राइली शासन ने कुछ निराधार आरोपों के बहाने से हम पर हमला किया।’
उन्होंने कहा, ‘वास्तव में हमने आत्मरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सहारा लेने की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई की।’
ईरान की राजधानी तेहरान पर इजराइल का भीषण हमला जारी है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को नष्ट करना चाहता है।
‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत, इजराइल ने ईरान के क्षेत्र पर कई हमले किए हैं, तेहरान ने भी तेल अवीव को चेतावनी देने के बाद जवाबी कार्रवाई की है।
भारत में इजराइल के राजदूत रुवेन अजार ने मंगलवार को कहा कि इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल क्षमताओं को “गंभीर रूप से कमजोर” करने के लिए सैन्य कार्रवाई की तथा दावा किया कि यह उनके देश के लिए “खतरा” था।
उन्होंने कहा कि इजराइल ईरान की सैन्य क्षमताओं को कम करने के लिए उसके सैन्य स्थलों को निशाना बना रहा है।
हुसैनी ने कहा कि इस महीने के दौरान, ईरान ने ‘दिखाया कि हम अपने देश, विदेशी नागरिकों सहित अपने लोगों की रक्षा करने में सक्षम हैं’, और आरोप लगाया कि इजराइल की सैन्य कार्रवाई ने गैर-सैन्य स्थलों को भी निशाना बनाया है।
भारतीय नागरिकों को निकालने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘भारतीय हमारे मित्र हैं, अन्य देश जो अपने नागरिकों की सुरक्षा में रुचि रखते हैं, उन्हें इस प्रकार की आक्रामकता की निंदा करनी चाहिए, जिससे इजराइल इसे रोक सके, तथा ईरान में निर्दोष नागरिकों और अन्य लोगों की जान बचाई जा सके।’
पश्चिम एशिया में स्थिति के लगातार बिगड़ने पर ईरानी राजनयिक ने कहा, ‘ईरान सदैव शांति और सुरक्षा के पक्ष में है’ और तेहरान ‘क्षेत्र में स्थिरता के संबंध में किसी भी पहल का स्वागत करता है।’
उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पहले इजराइल की उसके कृत्यों और उसने जो किया है, उसके लिए उसकी निंदा की जाए।”
यह पूछे जाने पर कि तनाव को कम करने में भारत क्या भूमिका निभा सकता है, हुसैनी ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत एक मित्रवत और बंधुत्व वाले देश के रूप में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सामूहिक कार्रवाई में इजराइली शासन पर शत्रुता को रोकने के लिए दबाव डालेगा।’
उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत अन्य देशों के साथ मिलकर इन मामलों में सक्रिय रूप से शामिल होगा।’
भाषा नोमान रंजन
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