तिरुवनंतपुरम, 19 जून (भाषा) केरल में ‘भारत माता’ विवाद बृहस्पतिवार को एक बार फिर सामने आया जब राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी राजभवन में आयोजित राज्य सरकार के एक कार्यक्रम को छोड़कर बाहर आ गए।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में व्यापक रूप से देखी जाने वाली भारत माता की तस्वीर राज्य सरकार के कार्यक्रम में रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए इसका बहिष्कार किया।
मंत्री के कार्यक्रम से वॉकआउट के बाद, राजभवन ने एक बयान जारी किया जिसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा, ‘‘भारत माता को हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता’’।
इस महीने की शुरुआत में, राज्य के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने भारत माता के चित्र के प्रदर्शन को लेकर राजभवन में पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।
इस कदम के कारण भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और राज्यपाल आर्लेकर के बीच विवाद शुरू हो गया था। राज्यपाल ने कहा था कि भारत माता पर कोई समझौता नहीं होगा।
चित्र को लेकर मंत्री शिवनकुट्टी के कार्यक्रम से बाहर निकलने की ताजा घटना मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा राजभवन में भारत माता के चित्र के प्रदर्शन की आलोचना करने के एक दिन बाद हुई है।
विजयन ने कहा था कि राज्यपाल के कार्यालय का इस्तेमाल आरएसएस के वैचारिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
घटना का ब्यौरा देते हुए शिवनकुट्टी ने कहा कि बृहस्पतिवार सुबह राजभवन में स्कूली बच्चों के लिए ‘स्काउट एंड गाइड प्रमाणपत्र’ वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था और जब वह वहां पहुंचे तो उन्होंने मंच पर भारत माता की तस्वीर देखी जिसके सामने दीप जलाया गया।
मंत्री ने कहा कि वह कार्यक्रम में थोड़ी देर से पहुंचे क्योंकि उन्हें उससे पहले एक अन्य कार्यक्रम में भाग लेना था जिसे मुख्यमंत्री विजयन ने संबोधित किया।
शिवनकुट्टी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के भाषण के बाद मैं इस कार्यक्रम के लिए निकल गया। जब मैं राजभवन पहुंचा तो मैंने मंच पर भगवा ध्वज के साथ भारत माता की तस्वीर देखी और उस पर पुष्पांजलि अर्पित की जा रही थी और उसके सामने दीप जलाया जा रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम में जो कुछ हुआ वह अहंकार को दर्शाता है।’’
शिवनकुट्टी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ और उन्हें अध्यक्षीय भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्होंने आधिकारिक सरकारी कार्यक्रम में चित्र रखे जाने का कड़ा विरोध किया और वहां से चले गए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने भाषण में राज्यपाल से कहा कि यह राज्य सरकार का कार्यक्रम है जिसे राजभवन और राज्य प्रशासन मिलकर आयोजित कर रहे हैं और यहां प्रदर्शित भारत माता की तस्वीर एक राजनीतिक संगठन की है। इसके समक्ष दीप जलाना सही नहीं है क्योंकि यह एक आधिकारिक कार्यक्रम है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं। इस बारे में केरल सरकार का रुख मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही बता दिया है। अगर महात्मा गांधी या प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाई जाती तो यह प्रतिष्ठा की बात होती। इसके बजाय राजभवन को राजनीतिक केंद्र में बदल दिया गया है।’’
इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि अगर सरकार ने पहली घटना के तुरंत बाद ही अपना कड़ा विरोध जताया होता, तो ‘‘यह दोहराया नहीं जाता।’’
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने घटना पर बहुत देरी से प्रतिक्रिया दी। सतीशन ने कहा, ‘‘इसलिए अब इस तरह का दिखावा करने का कोई मतलब नहीं है। सरकार को अपना विरोध राज्यपाल के सामने व्यक्त करना चाहिए, मीडिया के सामने नहीं।’’
भाषा वैभव नरेश
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