पटना, 19 जून (भाषा) गिनी गणराज्य को निर्यात किए जाने वाले 150 स्वदेशी रेलवे इंजन विश्व स्तरीय सुविधाओं लैस होंगे और इनमें लोको पायलटों (चालकों) की सुविधा के लिए रेफ्रिजरेटर और माइक्रोवेव ओवन के साथ-साथ वातानुकूलित केबिन शामिल हैं।
रेल मंत्रालय अगले तीन वर्षों में अफ्रीकी देश को उन्नत इंजन उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को निर्यात किए जाने वाले पहले इंजन को रवाना करेंगे।
इंजन बनाने वाली कंपनी ‘वेबटेक’ के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘गिनी गणराज्य ने हमें अपने ट्रेन चालक दल की सुविधा के लिए ये सभी सुविधाएं प्रदान करने को कहा था।’
इन इंजनों का निर्माण ‘वेबटेक’ द्वारा भारतीय रेलवे के सहयोग से बिहार में पटना के निकट मढ़ौरा रेल फैक्टरी में किया जा रहा है।
इस फैक्टरी की शुरुआत 2015 में सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन के तहत की गई थी, जिसके तहत 10 वर्षों में रेलवे के लिए 4,500 और 6,000 अश्व शक्ति (हॉर्स पॉवर) के 1,000 मालवाहक इंजनों का निर्माण किया जाना था।
पहले इंजन की आपूर्ति 2018 में की गई थी और तब से, ‘वेबटेक’ 700 से अधिक रेल इंजनों की आपूर्ति कर चुका है।
कंपनी ने कहा कि गिनी से 150 इंजनों का ऑर्डर अतिरिक्त कार्य है, जिसके लिए उसने अपने कार्यबल में वृद्धि की है, ताकि निर्यात प्रतिबद्धता के साथ-साथ भारतीय रेलवे को निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
यह निर्यात सौदा पश्चिम अफ्रीकी देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन परियोजना की शुरुआत के बीच हुआ है, जिसके लिए माल ढुलाई क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने कहा, ‘इससे गिनी की सबसे बड़ी लौह अयस्क परियोजना के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान मिलेगा तथा भारत-अफ्रीका आर्थिक सहयोग गहरा होगा।’
भाषा नोमान मनीषा
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