34.4 C
Jaipur
Thursday, June 19, 2025

“खाद्य महंगाई में राहत से मई में CPI घटा, लेकिन कोर मुद्रास्फीति बनी चुनौती: क्रिसिल”

Fast News"खाद्य महंगाई में राहत से मई में CPI घटा, लेकिन कोर मुद्रास्फीति बनी चुनौती: क्रिसिल"

कोलकाता, 19 जून (भाषा) रेटिंग एजेंसी क्रिसिल लि. ने कहा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित सकल मुद्रास्फीति इस साल मई में घटकर 2.8 प्रतिशत पर आ गयी। यह अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।

क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट सकल (हेडलाइन) खुदरा मुद्रास्फीति को नीचे ला रही है, लेकिन मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति यानी विनिर्माण क्षेत्र की मुद्रास्फीति बढ़ रही है। हालांकि, यह दशकीय रुख से नीचे है और अब लगातार चार महीनों से चार प्रतिशत से ऊपर है।

कोर यानी मुख्य मुद्रास्फीति में खाद्य और ऊर्जा से संबंधित अधिक अस्थिर मूल्य वाली वस्तुओं को शामिल नहीं किया जाता।

क्रिसिल ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि सकल मुद्रास्फीति पर दबाव डाल सकती है।

रेटिंग एजेंसी के अनुसार, बढ़ती मुख्य मुद्रास्फीति अर्थव्यवस्था में घरेलू मांग को मजबूत होने का संकेत है। लेकिन मुख्य मुद्रास्फीति का गहराई से आकलन करने से पता चलता है कि इसकी हाल में वृद्धि घरेलू कारकों के बजाय वैश्विक आर्थिक अस्थिरता से जुड़ी है।

क्रिसिल ने कहा कि सोने की कीमतें घरेलू के बजाय वैश्विक संकेतों पर प्रतिक्रिया करती हैं। हालांकि, सोने की सकल सीपीआई में हिस्सेदारी छोटी (कुल सूचकांक का 1.1 प्रतिशत) है, लेकिन इसे मुख्य सीपीआई मुद्रास्फीति में शामिल करने से घरेलू मूल्य संकेत बिगड़ते हैं।

भारत के मुख्य मुद्रास्फीति सूचकांक में सोने का भारांश अन्य देशों की तुलना में अधिक है। अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंक भी अपने मुख्य मुद्रास्फीति सूचकांक में सोने को शामिल करते हैं, लेकिन इसका भारांश भारत की तुलना में काफी कम है। इससे उनके मुख्य मुद्रास्फीति माप पर इसका प्रभाव सीमित हो जाता है।

क्रिसिल ने रिपोर्ट में कहा कि भारत में सोने का भारांश संभवतः इसलिए अधिक है क्योंकि अन्य देशों की तुलना में खपत में इसकी हिस्सेदारी अधिक है। सोने को बाहर रखने से मुख्य सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) संकेतों की गलत व्याख्या को रोका जा सकता है।

भाषा रमण अजय

अजय

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles