नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा)केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को ‘जेंडर बजटिंग नॉलेज हब’ की शुरुआत की। यह एक समर्पित डिजिटल मंच है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में लैंगिक-संवेदनशीलता के साथ योजनाओं को मजबूत करना है।
पोर्टल का प्राथमिक उद्देश्य नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों को एक केंद्रीकृत संसाधन केंद्र के माध्यम से सशक्त बनाना है; जिसमें नीति सार, सर्वोत्तम प्रथाएं और लिंग आधारिक आंकड़े शामिल हैं, ताकि केंद्र एवं राज्य दोनों स्तरों पर योजना और बजट के सभी चरणों में लैंगिक दृष्टिकोण को प्रभावी रूप से शामिल किया जा सके।
इस पोर्टल की शुरुआत एक राष्ट्रीय परामर्श के दौरान हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, 20 राज्य सरकारों, संयुक्त राष्ट्र महिला और एशियाई विकास बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अग्रणी राष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी प्रतिनिधि लैंगिक बजट के संबंध में संवाद को बढ़ावा देने और नवीन दृष्टिकोणों को साझा करने के लिए एक मंच पर आए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है, ऐसे में लैंगिक बजट यह सुनिश्चित करने में सहायक होगा कि विकास समावेशी और न्यायसंगत हो।’’
देवी ने पोर्टल का उद्घाटन किया और सतत प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस ‘नॉलेज हब’ की शुरुआत के साथ हम सिर्फ एक संसाधन केंद्र का निर्माण नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम लैंगिक समानता के लिए आधार तैयार कर रहे हैं ताकि प्रत्येक वित्तीय निर्णय में लैंगिक समानता को शामिल किया जा सके तथा यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी महिला या लड़की पीछे न छूट जाए।’’
अधिकारियों ने बताया कि यह पोर्टल सर्वोत्तम तरीकों, नीतिगत जानकारी और लिंग आधारित आंकड़ों को साझा करने के लिए एकीकृत मंच के रूप में काम करेगा, तथा हितधारकों को साक्ष्य-आधारित आंकड़ों और जानकारी से लैस करेगा, ताकि योजना और बजट में लिंग संबंधी दृष्टिकोण को बेहतर ढंग से समावेशित किया जा सके।
भाषा धीरज पवनेश
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