(योषिता सिंह और सज्जाद हुसैन)
न्यूयॉर्क/इस्लामाबाद, 19 जून (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो ‘‘बहुत समझदार’’ नेताओं ने एक ऐसे युद्ध को रोकने का ‘‘निर्णय’’ लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था।
पिछले कुछ हफ्तों में यह पहली बार है जब ट्रंप ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष रोकने का श्रेय खुद नहीं लिया है।
ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की दोपहर के भोजन पर मेजबानी करने के बाद ओवल कार्यालय में मीडिया से बातचीत में ये टिप्पणियां कीं।
ट्रंप द्वारा बुधवार को की गई यह टिप्पणी उनके उन दावों से अलग नजर आती है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बार भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौते में मध्यस्थता करने का दावा किया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह मुनीर से मुलाकात कर ‘‘सम्मानित’’ महसूस कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ईरान-इजराइल संघर्ष से उत्पन्न स्थिति पर पाकिस्तानी सेना के प्रमुख के साथ चर्चा की। ऐसी अटकलें हैं कि वाशिंगटन तेहरान पर हमला करने की स्थिति में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी जमकर प्रशंसा की तथा मंगलवार रात को भारतीय नेता के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत का भी जिक्र किया।
इस बीच, पाकिस्तान की सेना ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दीर्घकालिक रणनीतिक अभिसरण और साझा हितों के आधार पर पाकिस्तान के साथ ‘पारस्परिक रूप से लाभकारी’ व्यापार साझेदारी बनाने में गहरी रुचि व्यक्त की है।
इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ विदेश मंत्री सीनेटर मार्को रुबियो और पश्चिम एशिया मामलों के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ भी थे।
सेना ने एक बयान में बताया कि मुनीर के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक भी थे जो खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख भी है। बैठक पहले एक घंटे के लिए तय हुई थी लेकिन यह दो घंटे से अधिक समय तक चली।
इसमें कहा गया है कि दोनों के बीच चर्चा में व्यापार, आर्थिक विकास, खान और खनिज, कृत्रिम मेधा (एआई), ऊर्जा, क्रिप्टोकरेंसी और उभरती प्रौद्योगिकियों सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के अवसरों पर चर्चा हुई।
सेना ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने दीर्घकालिक रणनीतिक अभिसरण और साझा हितों के आधार पर पाकिस्तान के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार साझेदारी बनाने में गहरी रुचि व्यक्त की है।’’
उसने बताया कि सेना प्रमुख ने भी ‘‘हालिया क्षेत्रीय संकट में पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम को सुगम बनाने में राष्ट्रपति ट्रंप की रचनात्मक और निर्णायक भूमिका के लिए पाकिस्तान सरकार और वहां के लोगों की ओर से गहरा आभार भी व्यक्त किया।’’
मुनीर ने ट्रंप को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर पाकिस्तान आने का निमंत्रण भी दिया।
ट्रंप की ओर से मीडिया में की गई इन टिप्पणियों से यह स्पष्ट था कि पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के साथ-साथ ईरान-इजराइल गतिरोध से उत्पन्न स्थिति पर मुनीर के साथ उन्होंने बैठक में प्रमुखता से चर्चा की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं उन्हें (मुनीर) यहां इसलिए बुलाना चाहता था कि मैं युद्ध न करने, संघर्ष खत्म करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। जैसा कि आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ समय पहले यहां से गए हैं और हम भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं इसलिए भी मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। हम पाकिस्तान के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।’’
ट्रंप ने कहा कि वह ‘खुश’ हैं कि ‘दो बहुत ही समझदार’ लोगों ने उस युद्ध को जारी न रखने का फैसला किया। वह एक परमाणु युद्ध हो सकता था।
उन्होंने कहा, ‘‘वे दो परमाणु शक्तियां हैं, बड़ी परमाणु शक्तियां, और उन्होंने (संघर्ष को समाप्त करने के लिए) ऐसा फैसला किया।’’
मुनीर की मेजबानी करने से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने का श्रेय लिया, लेकिन बैठक के बाद मीडिया को दिए अपने संबोधन में उन्होंने इसे नहीं दोहराया।
यह पूछने पर कि क्या मुनीर के साथ हुई बैठक में ईरान पर चर्चा की गयी, ट्रंप ने कहा, ‘‘खैर, वे ईरान को बहुत अच्छी तरह, ज्यादातर लोगों से बेहतर जानते हैं और वे किसी भी चीज से खुश नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि इजराइल के साथ उनके खराब रिश्ते हैं। वे असल में दोनों को जानते हैं लेकिन शायद वे ईरान को बेहतर जानते हैं लेकिन वे देख रहे हैं कि क्या चल रहा है और उन्होंने मुझसे सहमति जतायी है।’’
गौरतलब है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कनाडा के कनैनिस्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करने का कार्यक्रम था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण समय से पहले वाशिंगटन लौटना पड़ा, जिसके कारण उनकी मोदी से मुलाकात नहीं हो पायी। हालांकि, दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की।
ट्रंप ने कहा, ‘‘वे दोनों (मोदी और मुनीर) यहां थे लेकिन कुछ सप्ताह पहले मैं मोदी के साथ था। मैं बहुत खुश हूं कि दो बहुत समझदार नेताओं ने युद्ध आगे न बढ़ाने का फैसला किया। यह परमाणु युद्ध में बदल सकता था। वे दो परमाणु संपन्न देश, बहुत बड़ी परमाणु शक्तियां हैं और उन्होंने यह फैसला लिया।’’
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकवादी बुनियादी ढांचा नष्ट किया था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इसके बाद यह पहली बार है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रोकने का श्रेय नहीं लिया है।
भारत और पाकिस्तान के 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने का फैसला लेने के बाद से ट्रंप कई मौकों पर यह दावा करते रहे हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव ‘‘रोकने में मदद की’’ और उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई देशों से कहा था कि अगर वे संघर्ष रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ ‘‘बहुत व्यापार’’ करेगा।
मुनीर के साथ दोपहर का भोजन करने से एक दिन पहले ट्रंप को कनाडा के कनैनिस्किस में जी-7 नेताओं के शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करनी थी लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को जल्द ही सम्मेलन से विदा लेनी पड़ी।
मोदी ने कनैनिस्किस से रवाना होने से पहले ट्रंप से 35 मिनट तक फोन पर बातचीत की थी।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कनैनिस्किस से एक वीडियो संदेश में कहा था कि मोदी ने ट्रंप को बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के किसी प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
मोदी ने कहा कि सैन्य कार्रवाई को रोकने पर चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर दोनों देशों की सेनाओं के मौजूदा संवाद चैनलों के माध्यम से हुई थी और इसकी पहल पाकिस्तान की ओर से की गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ तौर पर कहा कि भारत कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और इस मामले पर भारत में पूरी तरह से राजनीतिक सर्वसम्मति है।
मिसरी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ट्रंप ने मोदी को फोन कर संवेदनाएं व्यक्त की थीं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनका समर्थन किया था।
कनैनिस्किस में मंगलवार को फोन पर हुई बातचीत अप्रैल के बाद से दोनों नेताओं के बीच ‘‘पहली बातचीत’’ है।
मिसरी ने बताया कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री की बातों को ध्यान से सुना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति अपना समर्थन जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को छद्म युद्ध के रूप में नहीं, बल्कि एक युद्ध के ही रूप में देखता है और भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी जारी है।
ट्रंप ने मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आ सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री को साइप्रस में शुरू अपनी तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण के तहत क्रोएशिया जाना था।
मिसरी ने कहा कि पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन आने में असमर्थता जतायी और दोनों नेताओं ने निकट भविष्य में मुलाकात करने का प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की।
इससे पहले, ट्रंप ने मोदी को ‘‘शानदार व्यक्ति’’ बताते हुए कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री से चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता होगा। साथ ही ट्रंप ने अपना यह दावा भी दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा, ‘‘मैंने युद्ध रुकवाया है… मैं पाकिस्तान को पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के साथ व्यापार समझौता करने जा रहे हैं, लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रुकवा दिया है।’’
ट्रंप से पूछा गया कि पाकिस्तानी जनरल मुनीर के साथ बैठक से वह कूटनीतिक रूप से क्या हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं। इस पर ट्रंप ने मुनीर का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान की ओर से इसे (युद्ध) रोकने में इस व्यक्ति का बहुत प्रभाव था।’’
भारत के छह मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक सैन्य संघर्ष चला था। भारत और पाकिस्तान 10 मई को संघर्ष समाप्त करने पर सहमत हुए थे।
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