(अदिति खन्ना)
लंदन, 19 जून (भाषा) ब्रिटेन की संस्कृति मंत्री लिसा नंदी ने चिकित्सक और लेखिका शालिनी मलिक को उनके उपन्यास ‘द वे होम’ के लिए बेस्टसेलर लेखकों लॉर्ड जेफरी आर्चर और अमीश त्रिपाठी के नाम पर शुरू किया गया 25,000 अमेरिकी डॉलर का पहला ‘आईजीएफ आर्चर-अमीश अवार्ड फॉर स्टोरीटेलर्स’ प्रदान किया।
मलिक के उपन्यास में तीन युवाओं की कहानी है जो गोवा में शरण लेते हैं और अपने निजी दुखों से जूझ रहे हैं। इस उपन्यास को दुख, पहचान और उपचार की मार्मिक और प्रासंगिक खोज के लिए उत्कृष्ट कृति चुना गया।
बुधवार को लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) यूके-इंडिया वीक में सम्मान प्रदान करते हुए नंदी ने पुरस्कार के व्यापक सांस्कृतिक महत्व तथा भारत एवं ब्रिटेन के साझा संबंधों पर जोर दिया।
संस्कृति, मीडिया और खेल मामलों की भारतीय मूल की ब्रिटिश मंत्री नंदी ने कहा, ‘लोगों के बीच संपर्क हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।’
उन्होंने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर हम खुद को विभाजित करने के कई तरीके खोज रहे हैं। दुनिया खंडित हो रही है और ध्रुवीकृत हो रही है और ऐसी सरकारों की सख्त जरूरत है जो इन बाधाओं को पार करने में अग्रणी भूमिका निभाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने यही करने का संकल्प लिया है।’
मलिक ने कहा, ‘एक लेखिका के तौर पर मैं बिल्कुल निशब्द हूं।’
मलिक एक चिकित्सक हैं और अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच भी लिखने के लिए समय निकाल लेती हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं रोमांचित और अभिभूत हूं। यह पुरस्कार मुझे कुछ और समय निकालकर अपनी अगली पुस्तक लिखने का अवसर देगा। इससे मुझे लेखन को महज एक शौक से आगे ले जाने में मदद मिलेगी, जिसके लिए मुझे सुबह एक घंटा निकालना पड़ता है और मैं इसे उतना समय दे सकती हूं जितना मैं चाहती हूं।’
मलिक को बधाई देते हुए आईजीएफ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह अविश्वसनीय सम्मान उन्हें अपनी अगली पुस्तक के लिए अधिक समय समर्पित करने की शक्ति प्रदान करता है।’’
पिछले साल आईजीएफ शिखर सम्मेलन में शुरू किए गए ‘आर्चर अमीश-अवार्ड फॉर स्टोरीटेलर्स’ को समकालीन भारतीय कथा साहित्य के उत्सव के रूप में देखा जाता है जो आधुनिक भारत की जटिलता, विविधता और गतिशीलता को दर्शाता है।
रियल इस्टेट डेवलपर ‘द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा’ के साथ साझेदारी में प्रस्तुत किया जाने वाला यह पुरस्कार वैश्विक आख्यानों को आकार देने और द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने में संस्कृति की भूमिका को उजागर करने का प्रयास करता है।
आईजीएफ के संस्थापक और अध्यक्ष मनोज लाडवा ने कहा, ‘हर महान विचार के पीछे एक कहानी होती है। आईजीएफ आर्चर-अमीश पुरस्कार अनकही भारतीय कहानियों को प्रकाश में लाने, उन्हें वह वैश्विक मंच प्रदान करने का हमारा तरीका है जिसकी वे हकदार हैं और दुनिया को याद दिलाना है कि साहित्य भी एक ऐसी शक्ति है जो राष्ट्रों को आकार देती है।’
‘केन एंड एबेल’ और ‘द क्लिफ्टन क्रॉनिकल्स’ जैसी कृतियों के प्रसिद्ध लेखक आर्चर ने कहा कि यह पुरस्कार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कहानीकारों की शक्ति का सम्मान करता है।
उन्होंने कहा, ‘मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप उन नोबेल पुरस्कार विजेताओं की संख्या गिनें जिन्हें आप जानते हैं और जिनके बारे में आपने पढ़ा है। लोग कहानीकारों को ही पढ़ते हैं।’
मशहूर लेखक त्रिपाठी ने कहा, ‘कहानीकार का काम ध्यान आकर्षित करना है और इसे फीका नहीं पड़ने देना है।’
मलिक के उपन्यास को अंतिम तीन कृतियों में से चुना गया, जिनमें लेखक नित्या नीलकंठन की ‘नवपशानम – द क्वेस्ट फॉर द नाइन मैजिकल पॉइजन्स’ और योगेश पांडे की ‘द किल स्विच’ शामिल थीं।
भाषा
शुभम अविनाश
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